लखनऊ मंडल के जनप्रतिनिधियों संग सीएम योगी की मैराथन बैठक, 42,891 करोड़ की योजनाओं पर तेज़ी से अमल के निर्देश - राष्ट्र की परम्परा
August 19, 2025

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लखनऊ मंडल के जनप्रतिनिधियों संग सीएम योगी की मैराथन बैठक, 42,891 करोड़ की योजनाओं पर तेज़ी से अमल के निर्देश

लखनऊ (राष्ट की परम्परा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर लखनऊ मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद बैठक की अध्यक्षता की थी। रखे गए सुझावों पर मेगा बैठक में लखनऊ, हरदोई, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के 42 विधायकों एवं 5 विधान परिषद सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े नए विकास प्रस्ताव और जन अपेक्षाएं मुख्यमंत्री के समक्ष रखीं।

सीएम योगी ने 42,891 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट वाले 3,397 विकास प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन परियोजनाओं पर जनप्रतिनिधियों के सुझावों को प्राथमिकता दी जाए और चरणबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण किया जाए।

प्रदेश के विभिन्न जिलों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ अवध की सांस्कृतिक आत्मा है, हरदोई सत्य और तप की भूमि है, रायबरेली साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा गौरवशाली क्षेत्र है, उन्नाव क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद की कर्मभूमि है, सीतापुर नैमिषारण्य की धार्मिक गरिमा से जुड़ा है, और लखीमपुर खीरी जैव विविधता व थारू संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।

सीएम ने लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि शहीदों के गांवों और जनप्रतिनिधियों के क्षेत्रों की सड़कों का निर्माण प्राथमिकता पर किया जाए। जिला मुख्यालयों को चार लेन और ब्लॉक मुख्यालयों को दो लेन सड़कों से जोड़ने, आरओबी/आरयूबी, फ्लाईओवर, सिंगल कनेक्टिविटी और ब्लैक स्पॉट सुधार जैसे कार्य तेजी से पूरे किए जाएं।

पर्यटन विभाग को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पर्यटन स्थल का चयन कर वहां आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जाए। मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत पहले ही 1,000 से ज्यादा धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण किया जा चुका है।

नगर विकास विभाग को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी विकास प्रस्ताव से पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों की राय और सहमति लेना अनिवार्य है ताकि योजनाएं ज़मीनी हकीकत से जुड़ी और जनहितकारी हों।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी योजनाओं पर पारदर्शी, समन्वित और समयबद्ध कार्यवाही होनी चाहिए। शिलान्यास और भूमिपूजन 15 सितंबर के बाद जनप्रतिनिधियों के हाथों से कराए जाएं और उनके नाम शिलापट्ट पर अंकित किए जाएं। कार्यों की मॉनिटरिंग निष्पक्ष व गुणवत्तापूर्ण हो, और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।