
लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) राजधानी के कैसरबाग बस स्टेशन की पार्किंग में ठेकेदार की दबंगई और मनमानी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिजली चोरी में रंगे हाथ पकड़े जाने के बावजूद, मजबूत ‘सेटिंग’ और अंदरूनी सांठगांठ के चलते मामले को रफा-दफा कर दिया गया।
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में एक वीडियो सामने आया था जिसमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पार्किंग में कटिया डालकर बिजली चोरी की जा रही है। बताया जाता है कि कुछ दिन पहले परिवहन विभाग के अधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर ठेकेदार को टैक्सी और ई-रिक्शा चार्ज करते हुए पकड़ लिया था, लेकिन विभागीय स्तर पर मामले को ठंडा कर दिया गया। आरोप है कि ठेकेदार ने ‘पीछे के दरवाजे’ से मामला निपटा लिया, जिससे उसका हौसला और बढ़ गया।
अवैध पार्किंग शुल्क वसूली का खेल
बस स्टेशन परिसर में जहां कर्मचारियों की बाइकें खड़ी करने के लिए निर्धारित स्थान है, वहां रस्सी से घेराबंदी कर अन्य वाहनों को खड़ा कर 20 रुपये प्रति घंटे की दर से अवैध रूप से शुल्क वसूला जा रहा है। इतना ही नहीं, अपने परिजन को छोड़ने आए कार चालकों से भी जबरन वसूली की जा रही है। कई वाहन चालकों ने आरोप लगाया है कि विरोध करने पर ठेकेदार के गुर्गे अभद्रता और धमकी पर उतर आते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदार ‘चढ़ावे’ के सहारे अधिकारियों की नजरों से बचा हुआ है, जिसके चलते उसकी दबंगई पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। आम नागरिकों और वाहन चालकों में इस मनमानी को लेकर आक्रोश है, लेकिन कार्रवाई के अभाव में शिकायत करने से लोग कतराते हैं।
मांग—
जनता ने मांग की है कि परिवहन विभाग और बिजली विभाग संयुक्त रूप से ठेकेदार की गतिविधियों की जांच करे, अवैध वसूली व बिजली चोरी पर तत्काल रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो।
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