
नई दिल्ली,(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया पाकिस्तान को लेकर तेल सौदे संबंधी टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए पाकिस्तान को “भिखारी देश” बताया और सवाल उठाया कि भारत को वह क्या दे सकता है, जिसकी अपनी तेल ज़रूरतें दूसरों पर निर्भर हैं।
दुबे ने अपने पोस्ट में विकीलीक्स का हवाला देते हुए एक दस्तावेज साझा किया, जिसमें अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के ऊर्जा संसाधनों पर की गई टिप्पणी शामिल है। उन्होंने लिखा,
“यह अमेरिका का खुद का खुलासा है — पाकिस्तान के पास केवल 25 प्रतिशत तेल और गैस का भंडार है जो उसके घरेलू खर्च को पूरा करता है। शेष ज़रूरतें तुर्कमेनिस्तान, ईरान और कतर से आने वाली पाइपलाइन पर निर्भर हैं।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के एक कथित बयान ने यह संकेत दिया कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ तेल समझौते पर विचार कर सकता है, जिससे भारत की सुरक्षा और ऊर्जा नीति को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज़ हो गई।
दुबे के इस बयान के पीछे स्पष्ट उद्देश्य पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब करना है, खासकर उस समय जब भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और विदेश नीति को लेकर वैश्विक ध्यान केंद्रित है।
दुबे के इस पोस्ट को भाजपा समर्थकों ने जोरदार समर्थन दिया है, वहीं कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान भारत-पाक संबंधों में एक और तीखा मोड़ ला सकता है।
वर्षों से पाकिस्तान अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए बाहरी देशों पर निर्भर रहा है। वहीं भारत ने बीते वर्षों में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों और रणनीतिक भंडारण के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की ऊर्जा नीति में बार-बार अस्थिरता और वित्तीय संकट उसकी विदेश नीति को भी प्रभावित करते हैं।
भाजपा सांसद का यह बयान केवल ट्रंप की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि भारत की आंतरिक ऊर्जा नीति और रणनीतिक आत्मनिर्भरता पर भरोसे का प्रतीक भी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे बयान आने वाले समय में भारत की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्थिति को और अधिक स्पष्ट कर सकते हैं।