
नई दिल्ली, (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)संसद के मानसून सत्र के छठे दिन सोमवार को जहां पूरा ध्यान बहुप्रतीक्षित ऑपरेशन सिंदूर पर हो रही चर्चा पर केंद्रित था, वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने खास अंदाज़ में संवाददाताओं को चौंका दिया। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह आज इस अहम बहस में हिस्सा लेंगे, तो थरूर ने मुस्कुराते हुए संक्षिप्त उत्तर दिया – “मौनव्रत, मौनव्रत।”
थरूर की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे लंबी चर्चा की योजना बनाई गई है, जिसे सरकार ने “सीमा पार आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक जवाब” बताया है। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के प्रतिशोध में शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।
सूत्रों के अनुसार, थरूर हाल ही में एक बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ विदेश दौरों पर थे, जहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि और भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति से अवगत कराया। यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं से संपर्क में रहा और भारत का पक्ष मजबूती से रखा।
हालांकि थरूर का “मौनव्रत” वाला बयान प्रतीकात्मक रूप से दिया गया प्रतीत होता है, राजनीतिक हलकों में इसे विपक्ष की रणनीति के संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि थरूर जैसे वरिष्ठ और विदेश नीति में प्रवीण सांसद का चर्चा में बोलना कांग्रेस की ओर से एक सशक्त बयान हो सकता था, मगर उनकी चुप्पी पार्टी के भीतर मतभिन्नताओं या रणनीतिक संतुलन को दर्शाती है।
इस बीच लोकसभा में चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर को “भारत की आत्मरक्षा और आतंक के खिलाफ निर्णायक संदेश” बताया, वहीं विपक्ष ने इस कार्रवाई की पारदर्शिता और दीर्घकालिक रणनीति को लेकर सवाल उठाए।
अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में क्या थरूर अपनी चुप्पी तोड़ेंगे और सदन या सार्वजनिक मंच से इस मुद्दे पर अपना दृष्टिकोण साझा करेंगे।
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