सिवान में उमस-गर्मी के बीच बिजली गायब, लो-वोल्टेज ने बढ़ाई लोगों की परेशान

(सीवान से दिनेश पाठक की रिपोर्ट)
सीवान (राष्ट्र की परम्परा)बिहार सरकार द्वारा हाल ही में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए प्रदेशवासियों को हर महीने 125 यूनिट फ्री बिजली देने की घोषणा की गई थी। इस निर्णय को लेकर आमजन में शुरुआत में काफी उत्साह देखा गया। लेकिन अब यह खुशी धीरे-धीरे नाराजगी में तब्दील होती दिख रही है।
बिजली फ्री मिल रही है या नहीं मिल रही है – यह तय करना मुश्किल! सिवान जिले में बिजली आपूर्ति की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। एक ओर उमस भरी गर्मी, ऊपर से लगातार बिजली का गुल रहना और जब आती है तो लो वोल्टेज – इन सबने उपभोक्ताओं की नींद उड़ा दी है।
“पहले बिल देते थे, पर राहत मिलती थी” – उपभोक्ताओं की नाराजगी
स्थानीय उपभोक्ताओं का कहना है कि जब वे नियमित बिजली बिल चुकाते थे, तब भी दिन में 18 घंटे तक बिजली रहती थी, जिससे गर्मी से राहत मिलती थी। लेकिन अब जब सरकार ने 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने का एलान किया है, तो बिजली आना ही बंद हो गई है।
गांवों से लेकर शहरों तक बिजली की आँख मिचौली ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।छोटे बच्चे गर्मी से बेहाल हैं,पर्दानशी महिलाएं घरों में परेशान हैं,कल-कारखानों और दुकानों पर असर पड़ रहा है,पंखा-कूलर तो दूर, अब बल्ब भी ठीक से नहीं जल रहा
“बिजली फ्री नहीं, स्थायी समाधान चाहिए”
ग्रामीणों और शहरवासियों का कहना है कि सरकार अगर वास्तव में राहत देना चाहती है, तो मुफ्त बिजली देने की जगह 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करे। इसके साथ-साथ मीटरिंग सिस्टम में व्याप्त गड़बड़ियों को खत्म करे और बिजली विभाग में जवाबदेही तय करे।
बिजली विभाग की चुप्पी पर सवाल
बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस संकट के दौरान भी अनदेखी का रवैया अपनाए हुए हैं। उपभोक्ताओं की शिकायतों को न तो गंभीरता से सुना जा रहा है, न ही समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है।
राजनीतिक घोषणा बनाम जमीनी हकीकत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन में बिजली व्यवस्था को लेकर पहले तारीफ होती थी। लेकिन अब सरकार की फ्री बिजली योजना के बाद जिस तरह से आपूर्ति की हालत चरमराई है, उसे देखकर लोगों को एक बार फिर पुराने ‘बिजली विहीन बिहार’ की याद आने लगी है।
जनता की मांग: “फ्री बिजली नहीं चाहिए, स्थिर बिजली चाहिए”
अब उपभोक्ताओं का साफ कहना है कि अगर सरकार स्थायी रूप से 24 घंटे बिजली नहीं दे सकती तो कम-से-कम झूठी राहत की घोषणाएं बंद करे। फ्री बिजली का मतलब अगर बिजली ही गायब हो जाए, तो यह योजना मजाक से कम नहीं।
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