
पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) बिहार की सियासत में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने SIR (Special Intensive Revision) अभियान को लेकर बड़ा बयान दिया। मीडिया से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो विपक्ष आपसी सहमति से आगामी चुनावों का बहिष्कार कर सकता है।
तेजस्वी यादव ने कहा, “SIR को लेकर लगातार अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही हैं। जनता में भी असंतोष है। ऐसे में विपक्षी दल एकमत होकर चुनाव बहिष्कार जैसे कदम पर विचार कर सकते हैं।”
चुनाव बहिष्कार पर हो सकती है विपक्षी दलों की बैठक
जब उनसे चुनाव बहिष्कार के संबंध में स्पष्ट सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह विषय चर्चा में है और आने वाले दिनों में इस पर सभी सहयोगी दलों से विचार-विमर्श किया जाएगा। तेजस्वी यादव ने संकेत दिया कि इस मुद्दे पर जनता की राय और ज़मीनी हालात को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा।
SIR को लेकर विपक्ष की आपत्तियां
राजद समेत अन्य विपक्षी दलों ने SIR अभियान पर पारदर्शिता की कमी और चयनात्मक कार्रवाई जैसे आरोप लगाए हैं। तेजस्वी ने चुनाव आयोग और प्रशासन से स्पष्ट जवाब की मांग करते हुए कहा कि यदि जन प्रतिनिधियों के सुझाव और शिकायतों को अनदेखा किया गया, तो विपक्ष के पास लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जताने के सभी विकल्प खुले हैं।
आगे की रणनीति पर नजर
तेजस्वी यादव का यह बयान बिहार की राजनीतिक फिजा में हलचल ला सकता है, खासकर तब जब राज्य में अगले कुछ महीनों में चुनावों की तैयारियां तेज़ होती जा रही हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी दल एकजुट होकर इस मसले पर क्या रुख अपनाते हैं।
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