
नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)
संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है और सरकार इस बार कुल 15 अहम विधेयकों को पारित कराने की रणनीति में जुटी है। सत्ता पक्ष जहां अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार विधायी एजेंडा को आगे बढ़ाना चाहता है, वहीं विपक्ष इन बिलों के बहाने सरकार को घेरने की तैयारी में है। साथ ही विपक्षी दल कुछ हालिया घटनाओं को लेकर सरकार पर हमलावर रुख अपना सकते हैं – जिनमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम से लेकर महिलाओं से जुड़े सिंदूर विवाद तक शामिल हैं।
सरकार की तरफ से पेश किए जा सकने वाले प्रमुख बिल:
- भारतीय नागरिकता संशोधन विधेयक (संशोधन) 2025
- डिजिटल सुरक्षा एवं निजता संरक्षण विधेयक
- राष्ट्रीय शिक्षा आयोग विधेयक
- सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा प्रबंधन विधेयक
- यूसीसी (समान नागरिक संहिता) पर चर्चा हेतु प्रारंभिक विधेयक
- न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक (NJAC पुनःप्रस्तावित)
- अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार और एमएसएमई समर्थन विधेयक
- राष्ट्रीय सुरक्षा निगरानी विधेयक
- कृषि विपणन सुधार विधेयक
- पेंशन सुधार विधेयक
- जनसंख्या नियंत्रण विधेयक (प्राइवेट मेंबर बिल)
- नवीन श्रम संहिताएं (अंतिम संशोधन) विधेयक
- मीडिया नियमन एवं जिम्मेदारी विधेयक
- अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण विधेयक (संशोधन)
- महिला आरक्षण विधेयक (आंशिक क्रियान्वयन की प्रक्रिया)
विपक्ष के निशाने पर सरकार – ये होंगे प्रमुख मुद्दे:
पहलगाम घटना:
कश्मीर घाटी में हुई घटनाओं को लेकर विपक्ष सुरक्षा विफलता का मुद्दा उठाएगा और यह तर्क देगा कि सरकार आतंकवाद और संवेदनशील क्षेत्रों में शांति बहाली में विफल रही है।
सिंदूर विवाद और महिला मुद्दे:
हाल ही में एक केंद्रीय मंत्री द्वारा महिलाओं की पहचान से जुड़ी धार्मिक परंपराओं पर की गई टिप्पणी को विपक्ष मुद्दा बनाएगा। महिला सशक्तिकरण, समान अधिकार और लैंगिक संवेदनशीलता पर विपक्ष सरकार की कथित दोहरी नीति को उजागर करेगा।
विपक्षी गठबंधन में फूट के आरोप:
सरकार के कुछ नेताओं ने विपक्षी INDIA गठबंधन में टूट और भ्रम फैलाने के बयान दिए हैं। विपक्ष इस पर पलटवार करते हुए इसे लोकतंत्र की मजबूती के खिलाफ बताया है।
मणिपुर, उत्तराखंड और बंगाल में कानून व्यवस्था:
विपक्ष इन राज्यों में महिलाओं पर हिंसा, प्रशासनिक विफलता और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का मुद्दा जोर-शोर से उठाने वाला है।
रोज़गार और महंगाई:
युवाओं में बेरोजगारी, महंगाई, जीएसटी के बोझ और किसानों की आय जैसे विषयों पर विपक्ष सरकार को कटघरे में खड़ा करेगा।
