प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन और मालदीव यात्रा: भारत के वैश्विक संबंधों को नई दिशा देने की तैयारी - राष्ट्र की परम्परा
August 19, 2025

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन और मालदीव यात्रा: भारत के वैश्विक संबंधों को नई दिशा देने की तैयारी

नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस माह के अंत में दो महत्वपूर्ण विदेश यात्राओं पर जा रहे हैं, जिनसे भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है। वे 23 और 24 जुलाई को यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) और उसके बाद मालदीव की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। इन दौरों का उद्देश्य केवल राजनीतिक शिष्टाचार तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यापार, सुरक्षा, रणनीतिक सहयोग और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में ठोस प्रगति करना है।

ब्रिटेन दौरा: संबंधों में नई मजबूती की उम्मीद

प्रधानमंत्री मोदी 23 और 24 जुलाई को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के आमंत्रण पर लंदन का दौरा करेंगे। यह उनकी ब्रिटेन की चौथी यात्रा होगी।

ब्रिटेन की नई सरकार के साथ यह पहली उच्च स्तरीय मुलाकात होगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (एफटीए) पर प्रगति, रणनीतिक सहयोग, रक्षा क्षेत्र में तालमेल, साइबर सुरक्षा, कौशल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर व्यापक वार्ता की संभावना है।

विशेष रूप से यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। इससे दोनों देशों के कारोबारी संबंधों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है।

मालदीव यात्रा: हिंद महासागर नीति को मिलेगी गति

ब्रिटेन यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी मालदीव की यात्रा पर जाएंगे, जहां भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ और ‘सागर’ (SAGAR – Security and Growth for All in the Region) नीति को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित रहेगा।

मालदीव के साथ भारत के संबंध सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए भारत की भूमिका निर्णायक मानी जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा रक्षा सहयोग, विकास परियोजनाओं, समुद्री सुरक्षा और पर्यटन क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा दे सकती है।

राजनयिक दृष्टिकोण से अहम दौरन

इन दोनों यात्राओं को मोदी सरकार की सक्रिय विदेश नीति का हिस्सा माना जा रहा है। वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को और सशक्त करने की दिशा में यह दौरे मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।

ब्रिटेन के साथ ऐतिहासिक संबंधों को नए युग में ले जाने और मालदीव जैसे रणनीतिक पड़ोसी के साथ विश्वास व सहयोग की नींव को मजबूत करने का यह सुनहरा अवसर है।