आरटीआई का उद्देश्य पारदर्शिता और भ्र्ष्टाचार का खात्मा
कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)
राज्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश सुभाष चंद्र सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद कुशीनगर व जनपद देवरिया के राजस्व विभाग स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के जन सूचना अधिकारियों सहायक जन सूचना अधिकारियों व संबंधित पटल सहायकों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई ।
जनपद कुशीनगर से शिक्षा संबंधी 95 मामले राजस्व संबंधी 116 व चिकित्सा संबंधी 22 मामले तथा जनपद देवरिया से शिक्षा संबंधी 302 चिकित्सा संबंधी 88 तथा राजस्व के 415 मामले थे।
राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि थोक में आरटीआई की सुनवाई अगले वर्ष से अब जिले में होगी। आरटीआई का उद्देश्य पारदर्शिता और भ्रष्टाचार का खात्मा है। राज्य सूचना आयुक्त ने आदतन आरटीआई एक्टिविस्ट की सूची भी बनाने को निर्देशित किया। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि आरटीआई एक्ट के अधिनियम के उद्देश्य का पालन होना चाहिए। समाज समूह संगठन और प्रशासन के स्तर पर पारदर्शिता हो। उचित आरटीआई की उपेक्षा ना की जाए। उचित आरटीआई का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हो। उन्होंने बताया कि थोक के भाव में लगाए गए आरटीआई का एकमुश्त निस्तारण हो
उपस्थित सभी अधिकारियों को उन्होंने आर टी आई के संदर्भ में समय से जानकारी देने को कहा तथा आपत्तियों का निस्तारण भी समय से करने को कहा।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी बताया कि आरटीआई को कैसे अच्छे एवं सरल तरीके से निपटाया जाए। राज्य सूचना आयुक्त ने आरटीआई को एक सतत और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया बताई तथा अधिकारियों को अपने अधिकारों के प्रति संवेदनशील होने को कहा।
राज्य सूचना आयुक्त ने अधिकारियों को बताया कि आर टी आई कोई बोझ नहीं है, बल्कि यह एक दायित्व है। आरटीआई संबंधी सवालों का जवाब देना आपका कर्तव्य बनता है यह आपके नौकरी का हिस्सा है। उन्होनें कहा कि भाव और भावना से सद्भावनापूर्ण तरीके से कार्य करें।
उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि कानून का पारदर्शिता से शत-प्रतिशत पालन करना हमारी जिम्मेदारी और दायित्व बनता है।
आरटीआई एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। समय से आपत्ति का निस्तारण किया जाए । प्रथम अपीलीय अधिकारी को भी उन्होनें मामलों के समयबद्ध निपटारा करने को निर्देशित किया। राज्य सूचना आयुक्त ने बताया कि आरटीआई का जवाब देना भी एक कर्तव्य है, इस बात को मान लेंगे तो गुणवत्तापूर्ण निस्तारण होगा।
राज्य सूचना आयुक्त ने उपस्थित अधिकारियों की आर0 टी0 आई संबंधी विधिक जिज्ञासा को भी शांत किया। उन्होंने आरटीआई की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में उपस्थित अधिकारियों को बताया।
इस क्रम में उपस्थित अधिकारियों की आशंकाओं का समाधान भी, आयुक्त द्वारा किया गया। जैसे पुरानी व अनुपलब्ध सूचना के जवाब में क्या किया जाए, व्यक्तिगत सूचनाएं को जनहित का संदर्भ बताते हुए मांगी गई सूचनाओं पर क्या किया जाए, सरकार से वित्त पोषित और मान्यता प्राप्त संस्थाओं से मांगी गई सूचनाओं के संदर्भ में जितनी सूचनाओं का संबंध सरकार से है उतनी ही सूचना प्रदान की जाएगी।
व्यक्तिगत मांगी गई सूचनाओं के बारे में भी कई शंकाओं का सूचना आयुक्त ने समाधान किया। उन्होनें कहा कि आदतन आरटीआई एक्टिविस्ट को चिन्हित करें। अंत में अपर जिलाधिकारी देवी दयाल वर्मा ने राज्य सूचना आयुक्त का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि उनके माध्यम से कई सारी जिज्ञासाएं दूर हुई । उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सभी लंबित मामलों का गुणवत्तापूर्ण व ससमय निस्तारण किया जाएगा।
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