
सुखपुरा / बलिया (राष्ट्र की परम्परा) बलिया जनपद की माटी ने देश को कई महान सपूत दिए हैं, उन्हीं में से एक थे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जननायक चंद्रशेखर, जिनकी पहचान पूरे पूर्वांचल की शान के रूप में होती है। दुर्भाग्यवश, उसी जनपद के बेरूआरबारी ब्लॉक मुख्यालय पर लगा एक बोर्ड आज उनकी स्मृति का अपमान कर रहा है। इस बोर्ड से उनके नाम के तीन महत्वपूर्ण अक्षर बीते काफी समय से गायब हैं, लेकिन अब तक न किसी जनप्रतिनिधि की नज़र पड़ी और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी की।
यह बोर्ड बेरूआरबारी ब्लॉक के मुख्य द्वितीय प्रवेश द्वार पर लगाया गया है। कभी यह द्वार पूर्व ब्लॉक प्रमुख अनिल सिंह (अनु जी) के प्रयासों से बनवाया गया था और तब पूरे परिसर का नवनिर्माण कर उसे जनपद के सबसे सुंदर ब्लॉकों की श्रेणी में लाया गया था। आज भी परिसर का सौंदर्य बरकरार है, लेकिन जननायक चंद्रशेखर के नाम की यह अनदेखी न केवल संवेदनहीनता दर्शाती है, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता पर भी सवाल खड़े करती है।
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी की पुण्यतिथि पूरे देश में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। कई मंचों से उनके योगदान और विचारों को याद किया गया। लेकिन उसी जनपद के इस महत्वपूर्ण ब्लॉक में उनके अधूरे नाम वाला बोर्ड किसी की आंखों में नहीं चुभा!
इस विषय पर जब खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) से बात की गई, तो उन्होंने स्वीकारा कि बोर्ड से कुछ अक्षर गायब हैं और कहा, “गेट पर से जो अक्षर हटे हैं, उन्हें जल्द ही ठीक कराया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।”
