July 14, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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बनकटिया विद्युत उपकेंद्र से सप्लाई व्यवस्था चरमराई, किसानों में उबाल


लगातार दूसरे दिन भी बाधित रही विद्युत आपूर्ति, आंदोलन की तैयारी में किसान

(भाटपाररानी से बृजेश मिश्र की रिपोर्ट)

बनकटिया (राष्ट्र की परम्परा)।
क्षेत्र के किसानों के सब्र का बांध अब टूटने को है। बनकटिया विद्युत उपकेंद्र से जुड़ी 33,000 वोल्ट की मेन लाइन में फॉल्ट दिखाकर बीते दो दिनों से फर्जी तरीके से बिजली सप्लाई बाधित की जा रही है। इससे सिंचाई कार्य पूरी तरह ठप हो गया है। खेत सूखने की कगार पर हैं और सरकारी स्टेट ट्यूबवेल केवल शोपीस बनकर रह गए हैं।

स्थानीय ग्रामीणों और किसानों का कहना है कि यह “तकनीकी फॉल्ट” महज एक बहाना है। भीतरखाने मनमानी बिजली कटौती की जा रही है, जिससे सबसे ज्यादा प्रभावित किसान वर्ग हो रहा है। क्षेत्रीय बिजली अधिकारियों की चुप्पी ने संदेह को और गहरा कर दिया है।

जिम्मेदार मौन, जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से नाराजगी

क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों — चाहे वे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के — किसी ने भी किसानों की इस गंभीर समस्या पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। आम जनमानस में इस बात को लेकर खासा रोष है कि जब खेती और सिंचाई जैसे बुनियादी मुद्दे पर भी चुप्पी साधी जाती है, तो जनहित की उम्मीद किससे की जाए?

आंदोलन की तैयारी, रणनीति बन रही

अब हालात बेकाबू होते देख किसान आंदोलन की राह पर हैं। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, क्षेत्रीय किसान संगठनों और युवा नेताओं की अगुवाई में एक वृहद आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है। जल्द ही उपकेंद्र का घेराव और विरोध प्रदर्शन हो सकता है।

किसानों की मांगें:

  1. 33,000 वोल्ट की मेन लाइन की वास्तविक स्थिति की जांच हो।
  2. बिजली आपूर्ति बाधित करने वालों पर कार्रवाई हो।
  3. स्टेट ट्यूबवेल को तत्काल चालू किया जाए।
  4. क्षेत्र के किसानों को नियमित बिजली उपलब्ध कराई जाए।

अगर समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ तो यह आंदोलन बड़ा रूप ले सकता है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के लिए यह चेतावनी है कि अब किसानों की अनदेखी महंगी पड़ सकती है।