July 14, 2025

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कौशलता विकास एक संकट मोचक बौद्धिक अस्त्र है- कौशलता विकास परिवर्तन के वाहक युवाओं की समृद्धि के विकास का मूल मंत्र हैं

विश्व युवा कौशल दिवस 15 जुलाई 2025-एआई और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरण

गोंदिया – सृष्टि रचयिता ने मानव को प्राकृतिक रूप से बौद्धिक क्षमता का अभूतपूर्व खजाना दिया है।बस! ज़रूरत है उसे पहचान कर निखारने की,जिसके बलपर सफ़लताओं की हदें पार की जा सकती है! मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र मानता हूं कि खास करके हर मानव में अपने अपने स्तरपर अलग-अलग कौशलता समाई हुई है, बस इसे पहचान कर उसका विकास करना है, जिसे हम कौशलता विकास दिवस के नाम से मनातें हैं।आज हम इस विषय पर चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम 15 जुलाई 2025 को विश्व युवा कौशलता दिवस मना रहे हैं, इसे 2014 से संयुक्त राष्ट्र ने 15 जुलाई को प्रतिवर्ष विश्व युवा कौशल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था, जिसे प्रथम बार 15 जुलाई 2015 को मनाया गया था और हर साल नई थीम के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2025 की थीम एआई और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरण रखा गया है इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से कौशलता विकास पर चर्चा करेंगे।
साथियों बात अगर हम विश्व युवा कौशल दिवस 2025 की करें तो, सामाजिक-आर्थिक सुधार की दिशा में ठोस प्रयास है जो जलवायु परिवर्तन, संघर्ष, निरंतर गरीबी, बढ़ती असमानता, तेजी से तकनीकी परिवर्तन, जनसांख्यिकीय संक्रमण और अन्य जैसी चुनौतियों से जुड़े हुए हैं।युवा महिलाओं औरलड़कियों, विकलांग युवाओं, गरीब परिवारों के युवाओं, ग्रामीण समुदायों, स्वदेशी लोगों और अल्पसंख्यक समूहों के साथ-साथ हिंसक संघर्ष और राजनीतिक अस्थिरता के परिणाम भुगतने वाले लोगों को कई कारकों के संयोजन के कारण बाहर रखा जाता है, इसके अलावा, संकट ने काम की दुनियाँ में पहले से ही कई बदलावों को तेज कर दिया है, जो उन कौशल और दक्षताओं के बारे में अनिश्चितता की परतें जोड़ते हैं जिससे हम कौशलता से ऐसा दक्ष हो जाते है कि हम नौकरी पाने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बन जाते है। संयुक्त राष्ट्र और इसकी एजेंसियां,जैसे कि यूनेस्को- यूएनईवीओसी, काम की दुनियाँ में पहुंची बाधाओं को कम करके इन चुनौतियों का समाधान करने में मदद करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं, यह सुनिश्चित करते हुए प्राप्त कौशल को मान्यता प्राप्त और प्रमाणित किया जाता है, और बाहर के लिए कौशल विकास के अवसर प्रदान करता है। स्कूली युवा और जो रोजगार, शिक्षा या प्रशिक्षण (एनईईटी) में नहीं हैं 2030 एजेंडा के लिए कार्रवाई के इस दशक के दौरान, सकारात्मक परिवर्तन और नवाचार उत्पन्न करने के लिए वैश्विक प्रक्रियाओं में युवाओं की पूर्ण भागीदारी महत्वपूर्ण है।हमारे माननीय पीएम के ड्रीम प्रोजेक्टस में से एक है। भारत ने इसके लिए एक अलग से मंत्रालय का गठन किया है जो उचित प्रशिक्षण प्रदान करने, अच्छे काम रोजगार और उद्यमिता के लिए कौशलता प्रदान करने के महत्व पर जोर देता है और अनेक कार्यक्रमों का आयोजन कर कौशलता विकास के महत्व पर जन जागरण बहुत ही जोर शोर से करता है
साथियों बात अगर हम विश्व कौशलता दिवस 15 जुलाई 2025 के बारे में जानने की करें तो, थीम:2025 के लिए, विश्व युवा कौशल दिवस की थीम “एआई और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरण” है। महत्व:यह दिन युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने, तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (टीवीईटी) को बढ़ावा देने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के युग में प्रासंगिक कौशल प्रदान करने पर केंद्रित है।आयोजन:इस दिन, विभिन्न कार्यक्रम, कार्यशालाएं और संवाद आयोजित किए जाते हैं, जिनमें युवाओं को कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के बारे में जानकारी दी जाती है।भागीदारी:शिक्षक, अभिभावक, मार्गदर्शक,प्रशिक्षण प्रदाता और अन्य सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि युवा आवश्यक कौशल प्राप्त करें। दिनांक 12 जुलाई 2025 को देर शाम माननीय उपराष्ट्रपति ने एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कौशल का विकास के बारे में कहा भारतीय संविधान में 22 दृश्य चित्रणों में एक गुरुकुल की भी छवि है। हम हमेशा से ज्ञान के दान में विश्वास करते रहे हैं। कोचिंग सेंटरों को अपने बुनियादी ढांचे का उपयोग कौशल केंद्रों में बदलने के लिए करना चाहिए। मैं सिविल सोसाइटी और मेरे सामने और बाहर मौजूद जनप्रतिनिधियों से आग्रह करता हूँ कि वे इस बीमारी की गंभीरता को समझें। उन्हें शिक्षा में विवेकशीलता बहाल करने के लिए एकजुट होना होगा। हमें कौशल के लिए प्रबल प्रशिक्षण की सख़्त आवश्यकता है।
साथियों बात अगर हम युवा कौशलता के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों की करें तो, युवाओं की स्किल डेवलेपमेंट के लिए उठाए गए कदम निम्नलिखित हैं, औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (आईटीआई): वर्ष 1950 में परिकल्पित, का उद्देश्य भारत में मौजूदा दीर्घकालिक प्रशिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार और आधुनिकीकरण करना है। पीएम स्किल्स विकास योजना (पीएमकेवीवाई): 2015 में शुरू की गई, इसका उद्देश्य भारत के युवाओं को मुफ्त स्किल्स प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करना है। पीएम स्किल्स विकास योजना-यह भारत के युवाओं को 400 सेअधिक स्किल्स पाठ्यक्रम उपलब्ध कराकर रोजगार योग्य स्किल्स के साथ सशक्त बनाने के लिए 2021 की शुरुआत की गई है। पूर्व सीखने की मान्यता: इसे 2015 में व्यक्तियों द्वारा अर्जित पूर्व स्किल्स को पहचानने के लिए लॉन्च किया गया था। यह पीएमके वीवाई के प्रमुख घटकों में से एक है। इसके तहत एक निश्चित स्किल्स वाले या पूर्व सीखने के अनुभव वाले व्यक्तिको राष्ट्रीय स्किल्स योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के अनुसार ग्रेड के साथ आरपीएल के तहत मूल्यांकन और प्रमाणित किया जाता है। राष्ट्रीय कैरियर सेवा परियोजना: इसके साथ पंजीकृत नौकरी चाहने वालों के लिए अपनी राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) परियोजना के माध्यम से मुफ्त ऑनलाइन कैरियर स्किल्स प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 2015 में शुरू की गई।कौशल प्रबंधन और प्रशिक्षण केंद्रों का प्रत्यायन (स्मार्ट): यह एकल खिड़की आईटी अनुप्रयोग प्रदान करता है जो स्किल्स पारिस्थितिकी तंत्र में प्रशिक्षण केंद्रों (टीसी) की मान्यता, ग्रेडिंग, संबद्धता और निरंतर निगरानी पर केंद्रित है।आजीविका के लिए स्किल्स अधिग्रहण और ज्ञान जागरूकता (संकल्प): इसका ध्यान अभिसरण और समन्वय के माध्यम से जिला-स्तरीय स्किल्स पारिस्थितिकी तंत्र पर है। यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे विश्व बैंक के साथ सहयोग किया गया है। औद्योगिक मूल्य वृद्धि के लिए स्किल्स सुदृढ़ीकरण: स्ट्राइव योजना आईटीआई और शिक्षुता के माध्यम से प्रदान किए जाने वाले स्किल्स प्रशिक्षण की प्रासंगिकता और दक्षता में सुधार लाने के उद्देश्य से विश्व बैंक की सहायता प्राप्त भारत सरकार की परियोजना है। पीएम युवा योजना (युवा उद्यमिता विकास अभियान): वर्ष 2016 में शुरू की गई, इसका उद्देश्य उद्यमिता शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से उद्यमिता विकास के लिए एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है; समर्थन और उद्यमिता समर्थन नेटवर्क तक आसान पहुंच और समावेशी विकास के लिए सामाजिक उद्यमों को बढ़ावा देना। यंग, अपकमिंग एंड वर्सेटाइल ऑथर्स (वाईयूवीए) योजना, युवा लेखकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक मेंटरशिप प्रोग्राम है। कौशलाचार्य पुरस्कार: स्किल्स प्रशिक्षकों द्वारा किए गए योगदान को पहचानने और अधिक प्रशिक्षकों को स्किल्स भारत मिशन में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के लिए शुरू किया गया। शिक्षुता और स्किल्स में उच्च शिक्षा युवाओं के लिए योजना: यह योजना राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना के माध्यम से अप्रैल 2019 में बाहर निकलने वाले सामान्य स्नातकों को उद्योग शिक्षुता अवसर प्रदान करने के लिए है। आत्मानिभर कुशल कर्मचारी नियोक्ता मानचित्रण: 2020 में शुरू किया गया, यह कुशल लोगों को स्थायी आजीविका के अवसर खोजने में मदद करने के लिए एक पोर्टल है जनजातीय समुदाय के लिए विशेष पहल। गोइंग ऑनलाइन एज़ लीडर्स’ – आदिवासी आबादी को कला और संस्कृति, हस्तशिल्प, कपड़ा और आदिवासी क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता जैसे क्षेत्रों में मदद कर रहा है जिससे जनजातीय आबादी के बीच एंटरप्रेन्योरशिप का विकास हो रहा है। इसी प्रकार वन धन योजना आदिवासी समाज को नए अवसरों से प्रभावी ढंग से जोड़ रही है।
साथियों बात अगर हम विश्व को चलता दिवस 15 जुलाई के इतिहास की करें तो,18 दिसंबर 2014 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने सर्वसम्मति से श्रीलंका के नेतृत्व में एक प्रस्ताव अपनाया, और 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस के रूप में घोषित किया। वैश्विक स्तर पर युवा कौशल विकास के महत्व को उजागर करने के लिए श्रीलंका ने जी 77 (77 देशों का समूह) और चीन की सहायता से इस संकल्प की शुरुआत की थी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि विश्व युवा कौशल दिवस 15 जुलाई 2025-एआई और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरणकौशलता विकास एक संकट मोचक बौद्धिक अस्त्र है- कौशलता विकास परिवर्तन के वाहक युवाओं की समृद्धि के विकास का मूल मंत्र हैं कौशलता विकास,सामाजिक आर्थिक सुधारों,बढ़ती असमानता, बेरोजगारी जनसांख्यिकीय संक्रमण जैसे मुद्दों के समाधान में मील का पत्थर साबित होगा।

-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्