
सिकंदरपुर/बलिया (राष्ट्र की परम्परा):
सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र में जल संकट विकराल रूप ले चुका है। अधिकांश गांवों में घरों में लगे नलों ने पानी देना बंद कर दिया है, जिससे लोगों को पीने और दैनिक उपयोग के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। महिलाएं व बच्चे दूर-दराज के हैंडपंपों व कुओं से पानी ढोने को मजबूर हैं।
उपजिलाधिकारी ने दिखाई तत्परता
स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए उपजिलाधिकारी सुनील कुमार ने जिलाधिकारी बलिया को पत्र लिखकर सिंचाई विभाग से नहरों में तत्काल पानी छोड़े जाने की मांग की है। उन्होंने लोगों से संयम बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
गांवों में हाहाकार
मलेजी, काजीपुर, चिलकहर, रामपुरमठिया, उसरी, सिवानकला जैसे दर्जनों गांवों में जल संकट से हाहाकार मचा हुआ है। जल टंकियों पर सुबह-शाम लंबी कतारें लग रही हैं, लेकिन जलस्तर घटने से लोग खाली हाथ लौट रहे हैं।
खेती पर भी संकट
पानी की कमी से धान की रोपाई प्रभावित हो रही है। खेतों में नहरों का पानी न पहुंचने के कारण किसान निजी बोरिंग करवा रहे हैं, जिससे लागत कई गुना बढ़ गई है। किसानों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
प्रशासन की तैयारी
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि नहरों में शीघ्र पानी छोड़ा जाएगा और वैकल्पिक जल स्रोतों के माध्यम से भी राहत देने की तैयारी की जा रही है।
स्थायी समाधान की मांग
ग्रामीणों ने मांग की है कि हर वर्ष जल संकट की पुनरावृत्ति रोकने के लिए शासन स्थायी समाधान निकाले, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।
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