July 12, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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वित्तीय गड़बड़ियों की आंच में घिरे लेखाकार जावेद अहमद: 15 वर्षों से एक ही पटल पर जमे रहे, स्थानांतरण के बावजूद कार्यमुक्त नहीं

(देवरिया से सोमनाथ मिश्र की रिपोर्ट)

देवरिया/महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)।
बेसिक शिक्षा विभाग में वर्षों से जमी जड़ें अब सवालों के घेरे में हैं। विभाग के वित्त एवं लेखा शाखा में तैनात रहे लेखाकार जावेद अहमद पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि श्री अहमद लगातार 15 वर्षों से एक ही पटल पर कार्यरत रहे, जो प्रशासनिक नियमों एवं स्थानांतरण नीति के प्रतिकूल है।

हालांकि दिनांक 15 जून 2025 को आदेश संख्या 1136/2025-26 के अंतर्गत आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा निदेशालय, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा उनका स्थानांतरण महराजगंज जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग में लेखाकार पद पर किया गया। नियमानुसार, देवरिया में नवांगतुक लेखाकार ने विधिवत कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है, लेकिन इसके बावजूद जावेद अहमद को विभागीय अधिकारी द्वारा अब तक कार्यमुक्त नहीं किया गया है।

यह स्थिति अपने आप में अनेक शंकाओं को जन्म देती है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस देरी के पीछे कहीं न कहीं वित्तीय अनियमितताओं और पुराने लेनदेन को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है। हाल ही में संपन्न हुई ‘दिशा’ बैठक में भी बेसिक शिक्षा विभाग में वित्तीय पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए गए थे, जिनका संबंध जावेद अहमद के इर्द-गिर्द मंडराते संदेहों से जोड़ा जा रहा है।

यह भी चर्चा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी की भूमिका पर भी संदेह किया जा रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि जावेद अहमद की वर्षों की तैनाती और कार्यमुक्त न करने के पीछे कोई सांठगांठ या आर्थिक लेनदेन का दबाव है?

वर्तमान में यह मामला न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि विभाग की आंतरिक पारदर्शिता पर भी संदेह उत्पन्न करता है। वित्तीय दस्तावेजों की जांच, पटल पर लंबी तैनाती और स्थानांतरण आदेशों की अनुपालना में की जा रही लापरवाही इस पूरे प्रकरण को और भी गंभीर बनाती है।

अब देखना यह होगा कि शासन और उच्चाधिकारी इस प्रकरण में क्या कदम उठाते हैं और दोषियों पर क्या कार्रवाई की जाती है। क्या जावेद अहमद को कार्यमुक्त किया जाएगा या मामला फाइलों में ही दबा दिया जाएगा?