July 7, 2025

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पूर्णिया में डायन के शक में दिल दहला देने वाली वारदात, एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या


गांव में पसरा सन्नाटा, आरोपी फरार, पुलिस-प्रशासन सकते में

पूर्णिया (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)
बिहार के पूर्णिया जिले से एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। जिले के धमदाहा अनुमंडल अंतर्गत एक गांव में डायन के शक में एक ही परिवार के पांच लोगों को पीट-पीटकर जिंदा जलाने की सनसनीखेज घटना ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांव के कुछ दबंगों ने एक परिवार पर डायन होने का आरोप लगाते हुए पहले जमकर पिटाई की और फिर घर में बंद कर आग के हवाले कर दिया। आग में जलकर मौके पर ही पांच लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक महिला, उसके पति और तीन बच्चे शामिल हैं।

घटना के बाद से गांव पूरी तरह से खाली हो गया है। बताया जा रहा है कि ग्रामीण डर या प्रशासनिक कार्रवाई के भय से घर छोड़कर फरार हो गए हैं।

फॉरेंसिक टीम मौके पर
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। घटनास्थल को सील कर दिया गया है और फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है, जो मौके से साक्ष्य इकट्ठा कर रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

पुलिस को मिली बड़ी चुनौती
यह घटना उस समय हुई है जब राजधानी पटना में व्यवसायी चंद्रेश खेमका की हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है। ऐसे में पूर्णिया की यह दिल दहला देने वाली वारदात राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है।

एसपी ने कहा – दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक (SP) ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह हत्या डायन के शक के कारण की गई प्रतीत होती है। “हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं। दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दिलाई जाएगी।”

डायन प्रथा बनी अभिशाप
बिहार के कई ग्रामीण इलाकों में आज भी अंधविश्वास के चलते डायन प्रथा की घटनाएं सामने आती रहती हैं। मानवाधिकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और राज्य सरकार से दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

प्रभावित परिवार के लिए मुआवजा एवं सुरक्षा की मांग
घटना के बाद सामाजिक संगठनों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सरकार से पीड़ित परिवार के बचे हुए सदस्यों को सुरक्षा देने और मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा प्रदान करने की मांग की है।