
ग्रामीण बोले: “शिक्षा के मंदिर बंद, शराब के ठेके चालू… यह कैसा विकास?”
बलिया (राष्ट्र की परम्परा)।शिक्षा क्षेत्र नवानगर के ग्राम पंचायत जमालपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय को बंद कर बच्चों को समीपवर्ती विद्यालय में स्थानांतरित किए जाने की योजना ने ग्रामीणों में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। गुरुवार को दर्जनों की संख्या में अभिभावकों, महिलाओं और स्थानीय नागरिकों ने विद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन कर सरकार के इस निर्णय के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में “शिक्षा बचाओ”, “विद्यालय बंदी वापस लो”, जैसे नारे लिखी तख्तियां लेकर जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार छोटे गांवों में शराब के ठेके तो खोल रही है, लेकिन शिक्षा के मंदिरों को बंद कर रही है, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है।
ग्राम प्रधान अजीत कुमार सिंह मंटू ने जानकारी दी कि विद्यालय को गांव से लगभग दो किलोमीटर दूर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसे अभिभावकों ने सर्वसम्मति से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है और इससे प्राथमिक शिक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा।
महिलाओं ने प्रशासनिक रवैये पर भी सवाल उठाया और बताया कि न तो प्रधान से राय ली गई और न ही विद्यालय प्रबंधन समिति को इस विषय की कोई जानकारी दी गई। यह निर्णय पूरी तरह से एकतरफा और ग्रामीणों की भावनाओं के खिलाफ है।
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि सरकार इस प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से रद्द करे और प्राथमिक विद्यालय को यथावत चालू रखे। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
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