July 4, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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विधानसभा चुनाव 2025 से पहले प्रशासन सक्रिय, 1268 अपराधियों पर CCA-3 के तहत कार्रवाई की तैयारी

पटना।( राष्ट्र की परम्परा डेस्क की विशेष रिपोर्ट) बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर प्रशासनिक स्तर पर व्यापक तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कसने की दिशा में एक बड़ी कार्रवाई शुरू की गई है। पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी जिलों में कुल 1268 अपराधियों पर CCA-3 (बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम) के तहत कार्रवाई के लिए प्रस्ताव जिलाधिकारियों को भेजा है। इनमें से 296 मामलों में पहले ही आदेश पारित हो चुके हैं, जबकि शेष पर जांच-पड़ताल एवं प्रक्रिया जारी है।

क्या है CCA-3 और CCA-12?

बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम (Crime Control Act – CCA) के अनुच्छेद 3 और 12 के अंतर्गत यह कार्रवाई की जा रही है। CCA-3 उन व्यक्तियों के खिलाफ लागू होता है जिनकी गतिविधियाँ सार्वजनिक शांति एवं कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन चुकी होती हैं। वहीं, CCA-12 के तहत उनके पुनः अपराध करने की संभावना को देखते हुए निगरानी बढ़ाई जाती है या उन्हें हिरासत में लेने का प्रावधान है।

क्यों हो रही है यह कार्रवाई?

पुलिस और खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार इन अपराधियों की गतिविधियाँ आगामी चुनावों के दौरान गड़बड़ी फैलाने या भय का माहौल पैदा करने की आशंका को जन्म देती हैं। इनमें गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति के अपराधी शामिल हैं, जिन पर हत्या, लूट, अपहरण, रंगदारी और गैंग संचालन जैसे गंभीर आरोप हैं।

जिलाधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी

पुलिस मुख्यालय द्वारा जिलाधिकारियों को भेजे गए प्रस्तावों में यह आग्रह किया गया है कि संबंधित अपराधियों की गतिविधियों की विस्तार से जांच कर उन्हें CCA के तहत निरुद्ध करने की प्रक्रिया पूरी करें। जिलों में संबंधित थाना प्रभारियों और पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपराधियों की गतिविधियों पर नजर बनाए रखें और त्वरित रिपोर्ट दें।

अब तक की स्थिति – कुल प्रस्तावित अपराधी: 1268 जिन पर आदेश जारी हो चुका: 296 ,शेष मामलों में जांच जारी: 972

राजनीतिक दृष्टिकोण – चुनाव से पहले हो रही इस व्यापक कार्रवाई को राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह कदम कहीं न कहीं सत्तारूढ़ दल की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जबकि प्रशासन इसे कानून-व्यवस्था सुधारने की नियमित और आवश्यक प्रक्रिया बता रहा है।