अस्पताल पर लगा ताला, स्टाफ फरार, प्रशासन ने की कार्रवाई शुरू

(जी.एस. तिवारी की कलम से )
सिकंदरपुर/बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। सिकंदरपुर कस्बे में मंगलवार को उस समय तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक निजी अस्पताल की कथित चिकित्सकीय लापरवाही से हुई महिला की मौत के बाद परिजनों ने शव को अस्पताल के बाहर सड़क पर रखकर जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया। मृतका की पहचान करमौता गांव निवासी रामाशीष कनौजिया की 26 वर्षीय पुत्री माधुरी के रूप में हुई है, जिसकी मौत सोमवार देर रात इलाज के दौरान हो गई थी।
परिजनों के अनुसार, माधुरी की शादी थाना नगरा क्षेत्र के ताड़ी बड़ागांव निवासी राजेश कनौजिया से हुई थी। तबीयत खराब होने पर 26 जून को उसे उर्मिला वर्मा की सलाह पर सिकंदरपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिता रामाशीष का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने बिना परिजनों की अनुमति के एक बाहरी डॉक्टर से ऑपरेशन करा दिया, जिसके बाद माधुरी की हालत लगातार बिगड़ती रही।
परिजनों ने आरोप लगाया कि 27 जून से ही उन्होंने माधुरी को रेफर करने की मांग की, लेकिन डॉक्टरों ने टालमटोल किया। हालात बिगड़ने पर 30 जून को उसे मऊ के फातिमा अस्पताल ले जाया गया, जहां गंभीर स्थिति को देखते हुए भर्ती से मना कर दिया गया। बाद में प्रकाश अस्पताल में इलाज के दौरान सोमवार रात करीब 11 बजे माधुरी की मौत हो गई।
मऊ के चिकित्सकों के अनुसार, ऑपरेशन गलत तरीके से किया गया था, जिससे संक्रमण पूरे पेट में फैल गया था। मंगलवार सुबह जब परिजन माधुरी का शव लेकर उस निजी अस्पताल पहुंचे जहां ऑपरेशन हुआ था, तो अस्पताल बंद मिला और पूरा स्टाफ फरार था।
गुस्साए परिजनों ने शव को अस्पताल के सामने सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। मृतका की चाची पौधारी देवी अपनी गोद में मृतका की मासूम बच्ची को लेकर बार-बार बेहोश हो रही थीं, जिसे देख उपस्थित लोग भावुक हो उठे। मौके पर भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और प्रशासन से दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे।
सूचना मिलने पर प्रशासन हरकत में आया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजीव वर्मन के निर्देश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर के प्रभारी डॉ. दिग्विजय सिंह और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बघुड़ी के अधीक्षक डॉ. चंदन सिंह बिसेन की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने परिजनों और पुलिस से जानकारी लेने के बाद अस्पताल को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया और जांच शुरू कर दी।
परिजन दोषी डॉक्टरों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने और उचित मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं। स्थानीय प्रशासन ने निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए प्रदर्शन को शांत कराया।
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