
सलेमपुर/देवरिया (राष्ट्र की परंपरा)
उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के समायोजन व प्रस्तावित विलय के विरोध में शुक्रवार को गांधी चौक, सलेमपुर पर लोकमोर्चा के तत्वावधान में राष्ट्रीय समानता दल, राष्ट्रीय महिला भीम आर्मी और अन्य सामाजिक संगठनों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन के बाद प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी सलेमपुर को सौंपा।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार द्वारा प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को नामांकन के आधार पर बंद या विलय करने की नीति जनविरोधी है और इससे न केवल ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होगी, बल्कि वंचित वर्गों के बच्चों की शिक्षा भी बाधित हो जाएगी।
“शिक्षा देना सरकार का कर्तव्य, न कि बोझ”
प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में शिक्षा का दायित्व सरकार का है, लेकिन शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने और सरकारी स्कूलों को कमजोर करने की कोशिशें लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुँचा रही हैं।
उनका कहना था कि अधिकांश ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजने की स्थिति में नहीं हैं, ऐसे में सरकारी विद्यालय ही एकमात्र सहारा हैं।
“समायोजन नहीं, सुधार की ज़रूरत”
धरना स्थल पर वक्ताओं ने कहा कि विद्यालयों में कम नामांकन के पीछे मूल कारण शिक्षकों की कमी, जर्जर भवन, असुविधाजनक माहौल और शिक्षा की अनदेखी है। प्रदेश में सैकड़ों ऐसे स्कूल हैं जहाँ मात्र एक शिक्षा मित्र कार्यरत है। शिक्षकों को पढ़ाने के बजाय गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाया जाता है, जिससे शिक्षा का स्तर गिरा है।
सरकारी विद्यालयों की वर्तमान दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया कि यदि योग्य और नियमित शिक्षकों की नियुक्ति, समुचित भवन और संसाधनों की व्यवस्था हो जाए तो सरकारी स्कूल एक बार फिर शिक्षा का मजबूत आधार बन सकते हैं। साथ ही, मिड डे मील जैसी योजनाओं ने शिक्षा केंद्रों को रसोईघर में बदल दिया है, जबकि इसकी जगह गुणवत्तापूर्ण पठन-पाठन पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
मांगों को लेकर सौंपा गया ज्ञापन:
सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के समायोजन/विलय की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए।
सरकारी स्कूलों को आवासीय विद्यालय के रूप में विकसित किया जाए।
विद्यालयों में योग्य व स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए।
धरने में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे लोगो में संजयदीप कुशवाहा (प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय समानता दल), सुरेंद्र बौद्ध (संस्थापक, राष्ट्रीय महिला भीम आर्मी), सरदार कन्हैया सिंह, रामज्ञानी जी, अनिल कुमार शर्मा, मोतीलाल, विजय कुमार रासद, रिंकू देवी, विकास मौर्य, विद्यानंद, बालेश्वर दास, तुलसी देवी, उषा देवी, सुरेश कुशवाहा, प्रेमचंद वर्मा, उपेंद्र मौर्य सहित अनेक गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।
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