
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। भारतेंदु नाट्य अकादमी, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में तथा जन सांस्कृतिक एवं सामाजिक विकास संस्थान, बहराइच और मून एंड सन पब्लिक स्कूल के सहयोग से लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित 30 दिवसीय बाल रंगमंच कार्यशाला का समापन एक बैंक्वेट हॉल में सम्पन्न हुआ।
कार्यशाला में बच्चों को रंगमंच की बारीकियाँ सिखाई गईं। समापन समारोह में बच्चों ने “पुण्य श्लोका अहिल्या” नाटक का मंचन किया, जिसका निर्देशन जगदीश केशरी ने किया और लेखन संदीप लेले द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन भारतेन्दु नाट्य अकादमी के प्रशिक्षक सुमित श्रीवास्तव एवं रंगमंच प्रबंधक प्रवेंद्र सिंह “पिंकुल” ने किया। सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में माता अहिल्याबाई पर आधारित नाटक का मंचन किया जाना है और बहराइच को पहले चरण में शामिल किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि रंगमंच जैसी विधाओं के लिए मंचविहीन जिलों में भी प्रतिभाओं को अवसर देने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रवेंद्र सिंह ने बहराइच की ऊर्जा और यहां की प्रतिभाओं को बड़े मंच तक पहुँचाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन कोई पहला नहीं है, इससे पहले भी संस्कृति विभाग द्वारा बहराइच में अनेक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।
इस मौके पर कई विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें विधायक सरोज सोनकर, राजकिशोर, संघ के विभाग प्रचारक अजय, छवि और प्रदीप रायतानी, पंकज अग्रवाल, राज कुंवर, कमल शेखर, निशा शर्मा, डॉ. अभिलाषा (महिला मोर्चा), सुनीता (राष्ट्रीय सेविका संघ), ज्योति बंसल, अतुल, श्रवण, संध्या गोयल, अनिल गोयल, महंत अनिल शास्त्री, शशि बाला मिश्रा, सूर्य प्रकाश मिश्र, प्रशांत मिश्र, संस्थान से जसवीर सिंह, गौरव शर्मा, चरणजीत कौर, श्रद्धा पांडे, पंकज कुमार, शिवम, आदर्श, वैभव, यश दुबे, यशराज, अनुरंजन सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल रहे।
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