उतरौला/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)। पूरा तहसील क्षेत्र इन दिनों भीषण गर्मी और लू की चपेट में है, जिससे जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है। चिलचिलाती धूप और तपती हवाओं ने जहां लोगों को बेहाल कर दिया है, वहीं विद्युत विभाग की लापरवाही और अनियमित बिजली आपूर्ति ने स्थिति को और भी बदतर बना दिया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार नगर क्षेत्र में लगातार ट्रिपिंग और लोड शेडिंग के नाम पर घंटों बिजली कटौती की जा रही है। बिना किसी पूर्व सूचना के की जा रही यह अघोषित बिजली कटौती नागरिकों के लिए भारी परेशानी का सबब बन गई है। गर्मी में दिन का चैन और रात की नींद दोनों गायब हो चुकी है। पंखे, कूलर और एसी भी शोपीस बनकर रह गए हैं।
ग्रामीण इलाकों की स्थिति तो और भी दयनीय है, जहां दिन और रात की पाली को मिलाकर मात्र 6 से 7 घंटे की ही बिजली आपूर्ति हो पा रही है। इससे जहां किसानों की धान की नर्सरी की सिंचाई प्रभावित हो रही है, वहीं छोटे उद्योग, दुकानदार, विद्यार्थी और सामान्य जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। बिजली विभाग की ओर से लगातार बहानेबाज़ी और तकनीकी खामियों का हवाला दिया जा रहा है, जबकि क्षेत्रीय जनता अब जवाब मांगने को तैयार है। स्थानीय निवासी यह सवाल उठा रहे हैं कि जब तयशुदा रोस्टर के अनुरूप बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है, तो उपभोक्ताओं से पूरा बिजली बिल क्यों वसूला जा रहा है?
जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की चुप्पी भी लोगों को खटक रही है। लोग यह महसूस कर रहे हैं कि जनता के मूलभूत अधिकारों की अनदेखी हो रही है। नागरिकों का कहना है कि अगर बिजली व्यवस्था में तत्काल सुधार नहीं हुआ तो वे आंदोलन को विवश होंगे।
भीषण गर्मी में बिजली संकट अब केवल असुविधा नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य और सुरक्षा का सवाल बन चुका है। लोगों ने जिलाधिकारी और ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि जल्द से जल्द इस गंभीर समस्या का समाधान निकल सके।
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