सिकंदरपुर /बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
डुहा विहरा के मठिया गांव में शुक्रवार की दोपहर एक बजे के करीब अज्ञात कारणों से लगी आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। आग की चपेट में आकर गांव के 9 परिवारों की रिहायशी झोपड़ियां पूरी तरह जलकर राख हो गईं। इस भीषण अग्निकांड में पीड़ित परिवारों की पूरी गृहस्थी खाक हो गई, जबकि दो परिवारों की पांच बकरियां भी झुलस कर घायल हो गईं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग सबसे पहले प्रेमचंद राजभर की झोपड़ी में लगी। ग्रामीण कुछ समझ पाते, इससे पहले ही तेज लपटों ने आसपास की झोपड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते हीरा राजभर, घुरा राजभर, फुलवास राजभर, विपिन बिहारी राजभर, अजय राजभर, सुदामा राजभर, गोबर्धन राजभर और रामकुमार राजभर की झोपड़ियां भी आग की जद में आ गईं।
आग की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इन झोपड़ियों में रखा बिस्तर, कपड़े, बर्तन, अनाज, नकदी व अन्य जरूरी सामान पूरी तरह जलकर राख हो गया। विपिन बिहारी व प्रेमचंद की पांच बकरियां आग की चपेट में आकर झुलस गईं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
घटना के बाद ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए बाल्टियों व पाइपों से पानी डालकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास से करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सका, अन्यथा और भी बड़ा नुकसान हो सकता था।
इस हृदयविदारक घटना से गांव में अफरा-तफरी मच गई और पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए। आग बुझाने के बाद फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचा क्षेत्रीय लेखपाल मनोज कुमार यादव मौके पर पहुंचे और छती आकलन पर तहसील को अपनी रिपोर्ट प्रेषित किया
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