
ज़िन्दगी कभी सुहाना सफ़र है,
कभी ज़िन्दगी में मुश्किलात हैं,
पर हर हाल में और हर वक्त में,
जिंदगी जीना हँसते मुस्कुराते हैं।
ज़िन्दगी की राहें अंजाना सफर हैं,
कोई क्या जाने कब साँसे रुक जायें,
ज़िन्दगी में कभी खुशियाँ भी आयें,
और कभी ग़मों के मुकाम भी आयें।
हँसके काट लेना ओ मुसाफ़िर ये राहें,
ये तो अंजाने सफ़र हैं जाने कब आयें,
खुदा की खुदाई के फ़लसफ़े अंजाने,
इन्हें मान लेना क़िस्मत के परवाने।
आदित्य ज़िन्दगी में ऊँच-नीच और
मिलन – जुदाई के दौर आते रहेंगे,
पैदा होकर जो आये हैं इस जहाँ में,
एक दिन देखना वो सभी जाते रहेंगे।
डा० कर्नल आदि शंकर मिश्र
‘आदित्य’
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