August 5, 2025

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26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा ने मांगी निजी वकील की अनुमति, कोर्ट ने फैसला 7 अगस्त तक सुरक्षित रखा

नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)
26/11 मुंबई आतंकी हमले के हाई-प्रोफाइल मामले में एक अहम मोड़ सामने आया है। इस हमले के कथित मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने अब अदालत में खुद का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक निजी कानूनी वकील नियुक्त करने की इच्छा जताई है। अभी तक राणा का पक्ष एक अदालत द्वारा नियुक्त कानूनी सहायता वकील ही देख रहा था।

राणा ने कोर्ट से आग्रह किया है कि उसे अपने परिवार से बात करने की अनुमति दी जाए ताकि वह अपने लिए एक निजी अधिवक्ता की व्यवस्था कर सके। उसने यह याचिका विशेष पटियाला हाउस कोर्ट में दायर की है। सूत्रों के अनुसार, तहव्वुर राणा को तिहाड़ जेल में कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल के चलते अपने परिवार से नियमित टेलीफोनिक बातचीत की अनुमति नहीं दी गई है, जिससे उसका कानूनी सलाह और परिवारिक संपर्क बाधित हो रहा है।

राणा ने जेल प्रशासन की पाबंदियों के चलते यह याचिका डाली है ताकि उसे उचित कानूनी सलाह मिल सके और वह अपने मामले की गंभीरता के अनुसार सक्षम वकील नियुक्त कर सके।

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया है, और अब 7 अगस्त 2025 को यह तय होगा कि तहव्वुर राणा को परिवार से नियमित बातचीत की सुविधा दी जाएगी या नहीं, और क्या उसे निजी अधिवक्ता नियुक्त करने की अनुमति दी जाएगी।

इस बीच, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और तिहाड़ जेल प्रशासन से अदालत ने राणा की याचिका पर जवाब मांगा है। एनआईए और जेल प्रशासन की प्रतिक्रिया के बाद ही अदालत अंतिम निर्णय सुनाएगी।

गौरतलब है कि तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की मदद से 2008 में मुंबई में हुए भयानक आतंकी हमले की साजिश रची थी, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे। भारत लंबे समय से राणा के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता रहा है।

अगर अदालत राणा को निजी वकील रखने की अनुमति देती है, तो यह उसकी कानूनी रणनीति को नया मोड़ दे सकता है। वहीं, परिवार से संवाद की छूट मिलने पर उसके बचाव पक्ष को मजबूती मिल सकती है। लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इस फैसले को लेकर सतर्क हैं, क्योंकि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है।