
नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। भारत की पश्चिमी सीमा पर तैनात देश की प्रथम रक्षा पंक्ति — सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) — के 16 जांबाज़ जवानों को इस स्वतंत्रता दिवस पर वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा। इन बहादुर सीमा प्रहरियों ने “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान अभूतपूर्व साहस, अदम्य जज्बा और अद्वितीय पराक्रम का परिचय दिया।
बीएसएफ, पाकिस्तान से लगी भारत की पश्चिमी सीमा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। यह सम्मान 7 से 10 मई के बीच चले उस विशेष सैन्य अभियान की उपलब्धियों को रेखांकित करता है, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक भीषण आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी।
पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें ज्यादातर निर्दोष पर्यटक थे। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और जवाबी कार्रवाई के रूप में “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया गया। इस दौरान बीएसएफ के जवानों ने न केवल सीमावर्ती इलाकों में आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया, बल्कि सीमापार से होने वाली घुसपैठ की कोशिशों को भी नाकाम किया।
बीएसएफ ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा — “ये वीरता पदक हमारे जवानों के साहस, कर्तव्यनिष्ठा और बलिदान का प्रतीक हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति बीएसएफ पर भारत का विश्वास और भरोसा अटूट है।”
इन पुरस्कारों से सम्मानित होने वाले 16 जवानों के नामों की घोषणा स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान औपचारिक रूप से की जाएगी।
यह सम्मान न केवल उन जवानों के साहस का गौरव है, बल्कि सीमाओं पर डटे हर प्रहरी के अदम्य जज्बे और देशभक्ति का प्रमाण भी है।
