CISF का एक जवान शहीद, तीन लापता; बचाव अभियान तेज

किश्तवाड़/जम्मू-कश्मीर (राष्ट्र की परम्परा डेस्क), 14 अगस्त — जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले में गुरुवार को हुई भीषण प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। हिमालय स्थित माता चंडी मंदिर की मचैल माता यात्रा के मार्ग पर बादल फटने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए। मृतकों में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का एक जवान भी शामिल है, वहीं CISF के तीन अन्य जवानों के लापता होने की सूचना है।

घटना के बाद तीर्थयात्रा मार्ग पर अफरा-तफरी मच गई। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ और अन्य बचाव एजेंसियों की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं। आधुनिक उपकरणों से लैस एनडीआरएफ की दो टीमों के लगभग 180 सदस्य उधमपुर बेस से रवाना किए गए हैं। लापता व्यक्तियों की तलाश और फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान जारी है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे अभियान आगे बढ़ेगा, मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।

श्रीनगर मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 4–6 घंटों में जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश, गरज, बिजली और तेज़ हवाओं की संभावना जताई है, जिससे राहत कार्य प्रभावित हो सकता है।

गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से घटना को लेकर बातचीत की है। “स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है। एनडीआरएफ की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। केंद्र सरकार स्थिति पर नज़र रखे हुए है और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है,” शाह ने कहा।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रभावित क्षेत्र से सत्यापित जानकारी आने में समय लग रहा है। उन्होंने कहा, “बचाव कार्यों के प्रबंधन के लिए राज्य के भीतर और बाहर से सभी संसाधन जुटाए जा रहे हैं। सरकार जब भी संभव होगा, जानकारी साझा करेगी।”

फिलहाल बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है और प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने तथा मौसम संबंधी अलर्ट का पालन करने की अपील की है।