नयी दिल्ली rkpnews प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट के पास कर्तव्य पथ का उद्घाटन समारोह में बोलते हुये कहां कि कर्तव्य पथ पहले राजपथ के तौर पर जाना जाता था। भारत में ऐसे कर्तव्य पथ का नया नाम दिया गया है। दावा किया जा रहा है कि कर्तव्य पथ आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर को पूरी दुनिया के सामने पेश करेगा। इस अवसर पर पूरा कर्तव्य पथ सजा सवरा दूधिया रोशनी से नहा रहा था। समारोह के दौरान कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने बताया कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम से सभी देशवासी जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश को आज एक नई प्रेरणा, नई ऊर्जा मिली है। आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं। आज जो हर तरफ ये नई आभा दिख रही है, वो नए भारत के आत्मविश्वास की आभा है।
मोदी ने आगे कहा कि उपनिवेशवाद का प्रतीक एक इतिहास होगा और हमेशा के लिए मिटा दिया गया है। आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है। मैं सभी देशवासियों को आजादी के इस अमृतकाल में, गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज इंडिया गेट के समीप हमारे राष्ट्रनायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की विशाल मूर्ति भी स्थापित हुई है। गुलामी के समय यहां ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा लगी हुई थी। आज देश ने उसी स्थान पर नेताजी की मूर्ति की स्थापना करके आधुनिक, सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है। मोदी ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस ऐसे महामानव थे, जो पद और संसाधनों की चुनौती से परे थे। उनकी स्वीकार्यता ऐसी थी कि, पूरा विश्व उन्हें नेता मानता था। उनमें साहस था, स्वाभिमान था। उनके पास विचार थे, विजन था। उनमें नेतृत्व की क्षमता थी, नीतियां थीं।
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