मुख्यमंत्री ने दिए राहत कार्य तेज करने के निर्देश”
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)बहराइच जिले में बुधवार शाम को एक दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। सुजौली थाना क्षेत्र के करधनिया घाट के पास कोरियाला नदी में एक नाव अचानक पलट गई, जिसमें सवार करीब 28 ग्रामीणों में से 60 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जबकि 24 लोग अब भी लापता हैं। ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए 6 लोगों की जान बचाई, वहीं प्रशासनिक अमला और एसडीआरएफ की टीमें देर रात तक राहत और बचाव कार्य में जुटी रहीं।
घटना का विस्तृत ब्यौरा:
जानकारी के मुताबिक, भरतपुर गांव के 28 ग्रामीण बुधवार को खैरटिया गांव बाजार करने गए थे। शाम करीब 6 बजे लौटते समय कोरियाला नदी पार करते हुए नाव अचानक तेज बहाव की चपेट में आ गई। हाल ही में घाघरा बैराज के गेट खोले जाने से नदी का जलस्तर बढ़ गया था, जिसके चलते यह हादसा हुआ। नाव पर 18 बच्चों समेत कई महिलाएं और बुजुर्ग सवार थे।
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जैसे ही नाव पलटी, नदी किनारे अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर 4 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। सूचना मिलते ही थाना सुजौली पुलिस, एसडीएम अमित कुमार, एसपी रमन सिंह और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। देर रात तक 24 लापता लोगों की तलाश जारी रही। एक 60 वर्षीय महिला का शव बरामद किया गया, जिसकी पहचान भरतपुर गांव की निवासी के रूप में हुई।
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प्रशासनिक सक्रियता और मुख्यमंत्री का निर्देश:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के सहयोग से राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि लापता व्यक्तियों की हर हाल में तलाश सुनिश्चित की जाए और पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद प्रदान की जाए।
थाना प्रभारी प्रकाश चंद्र शर्मा और तहसील प्रशासन की टीम लगातार नदी किनारे डेरा डाले हुए हैं। घाघरा बैराज के खोले गए गेट अब अस्थायी रूप से बंद कराए जा रहे हैं, ताकि बहाव नियंत्रित किया जा सके।
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स्थानीय प्रतिक्रिया:
गांव के लोगों में गहरा शोक व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि नदी पर पक्के पुल की कमी के चलते उन्हें रोजाना नाव का सहारा लेना पड़ता है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस स्थान पर जल्द से जल्द स्थायी पुल का निर्माण किया जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे दोबारा न हों।
🕯️ यह हादसा सिर्फ एक नाव डूबने की घटना नहीं, बल्कि गांव की लाचारी और अव्यवस्थित व्यवस्थाओं की पीड़ा भी उजागर करता है। राहत दल की कोशिशें जारी हैं, और पूरा क्षेत्र इस त्रासदी से उबरने की कोशिश कर रहा है।
