
लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की है। राज्य सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि मंदिरों के व्यापक जीर्णोद्धार और पर्यटन विकास के लिए एक समग्र योजना शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य न सिर्फ आस्था केंद्रों का पुनरुद्धार करना है, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार पहले से ही काशी, अयोध्या और मथुरा जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों के कायाकल्प के लिए कार्य कर रही है। अब इस योजना के तहत राज्य के अन्य प्रमुख मंदिरों, धार्मिक स्थलों और पुरातात्विक महत्व के स्थानों को भी शामिल किया गया है।
राज्य सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मंदिरों के सौंदर्यीकरण, सुविधाओं के विस्तार और श्रद्धालुओं की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। इसमें श्रद्धालुओं के लिए धर्मशालाओं, प्रसादालयों, पेयजल व्यवस्था, शौचालय, सीसीटीवी, पार्किंग, रोशनी और साफ-सफाई जैसे बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया जाएगा।
इसके साथ ही इन स्थलों को राज्य के पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख रूप से स्थापित करने के लिए भी ठोस कदम उठाए जाएंगे। पर्यटन विभाग द्वारा विशेष धार्मिक परिपथ (Religious Circuits) विकसित किए जा रहे हैं, जिसमें स्थानीय कारीगरों, सांस्कृतिक आयोजनों और पारंपरिक उत्पादों को भी जोड़ा जाएगा। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
प्रवक्ता के अनुसार, “मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि धार्मिक स्थलों को केवल आस्था के केंद्र नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जागरण और आर्थिक विकास का माध्यम भी बनाया जाए।”
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