राजापाकड़। कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)दुदही विकास खंड के ग्राम पंचायत दुमही के राजस्व ग्राम बंगरा रामबक्स राय में चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन कथावाचक पं. रामायण तिवारी ने कंस, जरासंध वध व कृष्ण-रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि कंस व जरासंध से पृथ्वी को मुक्त करा भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा वासियों को Oद्वारिका में सुरक्षित किया और महज 25 वर्ष की उम्र द्वारिकाधीश बन गए। रुक्मणि भगवान की माया के समान थीं। रुक्मणि ने मन ही मन यह निश्चित कर लिया था कि भगवान श्री कृष्ण ही मेरे लिए योग्य पति हैं। लेकिन रुक्मिणी का भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से द्वेष रखता था। उसने शिशुपाल को रुक्मिणी का पति बनाने का निश्चय किया। यह जान रुक्मिणी ने अपने एक विश्वासपात्र को भगवान श्री कृष्ण के पास भेज अपने अपहरण का अनुरोध किया। कृष्ण विदर्भ जा पहुंचे। उधर रुक्मणी का शिशुपाल के साथ विवाह की तैयारी हो रही थी। श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर ब्याह रचा लिया। कथा सुनकर श्रोता भाव-विभोर हो गए। इस दौरान सहायक आचार्य दिनेश मणि तिवारी, यजमान वशिष्ठ राय, मालती राय, संतोष राय, डा. राकेश राय, मधुर श्याम शुक्ल, किरन देवी, रमावती देवी, संतोष राय, सत्येंद्र उर्फ गुड्डू शुक्ल, रघुनाथ राय, रौनक राय, हर्षित राय, बाबूनंद कुशवाहा आदि मौजूद रहे।
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