उतरौला /बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा) मृतक राम बुझारत का अन्तिम संस्कार प्रशासन द्वारा परिजनों को समझा बुझाकर मंगलवार को कर दिया गया।प्रशासन द्वारा परिजनों को मिलने वाली सहायता आदि का भी आश्वासन दिया गया।
गेंडास बुजुर्ग थाना क्षेत्र के धोबहा निवासी राम बुझारत ने बीते 24 अक्तूबर को अपने पुश्तैनी भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे से क्षुब्ध होकर आत्मदाह कर लिया था, जिसको गम्भीर अवस्था में केजीएमयू लखनऊ में भर्ती कराया गया था इलाज के दौरान मौत हो गयी।मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। राम बुझारत का शव पोस्टमार्टम के बाद सोमवार देर रात घर पहुंचा तो गांव व आसपास के लोगों के साथ अतिरिक्त भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी रही । परिजनों ने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि वह लोग सुबह आठ बजे तक अन्तिम संस्कार कर देंगे, लेकिन सुबह होते ही राम बुझारत के परिजन विवादित भूमि की पैमाइश कराकर खाली कराने तक अंतिम संस्कार न करने की बात कहने लगे। अपर जिलाधिकारी प्रदीप कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक नम्रता श्रीवास्तव, उपजिलाधिकारी संतोष ओझा,एंव उपजिलाधिकारी उतरौला अवधेश कुमार सहित जिले भर के एक दर्जन से अधिक अधिकरी परिजनों को मनाने में जुट गये, बताया कि विवादित भूमि का मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है जिसका अभी पैमाइश कराया जाना सम्भव नहीं है,प्रयास किया जायेगा कि सुलह समझौता कराकर भूमि दिला दिया जाये। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पांच लाख, पशुपालन के लिए एक लाख बीस हजार का टीन शेड निर्माण, तीस हजार रुपये परिवारिक लाभ, पत्नी कुष्मा व माता विमला को विधवा पेंशन, राम बुझारत की अविवाहित बहन व बेटी को शादी अनुदान , दो बच्चों को बहत्तर सौ रुपये प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति के रूप में सहायता दिलाने की बात पर परिजन अन्तिम संस्कार के लिए राजी हो गये मंगलवार दिन मे एक बजे राम बुझारत का अन्तिम संस्कार कर दिया गया। जमीन पर कब्जा के लिये उठाये गए पिलर भी मंगलवार को जमीन पर नही दिखाई दिये।राम बुझारत के अंतिम संस्कार होने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
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