March 14, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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यायावर राहुल सांकृत्यायन की 130 वीं जयंती मनाई गई

वाराणसी(राष्ट्र की परम्परा)l राजभाषा विभाग के तत्वाधान में मऊ स्टेशन पर स्थित आचार्य राहुल सांकृत्यायन हिंदी पुस्तकालय में यात्रा साहित्य के पितामह यायावर राहुल सांकृत्यायन की 130 वीं जयंती मनाई गईl

कार्यक्रम का शुभारम्भ मऊ स्टेशन अधीक्षक नीरज कुमार लाल द्वारा राहुल सांकृत्यायन के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि कर किया गया। कार्यक्रम में स्टेशन राजभाषा समिति के सदस्य एवं स्टेशन अधीक्षक नीरज कुमार लाल ने अपने संबोधन में राहुल सांकृत्यायन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रख्यात साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन का जन्म आजमगढ़ जिले में 09 अप्रैल,1893 को हुआ था, उन्होंने अपने जीवन के 45 साल अपने घर से दूर यात्राओं में बिताया। सांकृत्यायन भारतीय राष्ट्रवादी थे एवं ब्रिटिश विरोधी लेखन और भाषण देने के आरोप में तीन साल के लिए जेल भी गए थे । इनकी स्मृति में भारतीय डाकतार विभाग ने 1993 में उनकी जन्म शताब्दी पर 100 पैसे का डाक टिकट जारी किया था। सांकृत्यायन को साहित्य अकादमी पुरस्कार 1958 में एवं पद्म भूषण सम्मान 1963 में प्राप्त हुआ,आपको महापंडित की उपाधि से भी नवाजा गया है ।
सांकृत्यायन की साहित्यिक कृतियों में -सतमी के बच्चे, वोल्गा से गंगा, बहुरंगी मधुपुरी, कनैला की कथा (कहानियाँ) जीने के लिए, सिंह सेनापति राजस्थान निवास, विस्मृत यात्री(उपन्यास) शामिल हैं । राहुल सांकृत्यायन का निधन पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 14 अप्रैल, 1963 को हुआ था ।
इस अवसर पर साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन की रचनाओं पर विस्तार से चर्चा की गयी । कार्यक्रम में स्टेशन अधीक्षक नीरज कुमार लाल, रेलवे सुरक्षा बल निरीक्षक ए. के. सिंह, डीजल लॉबी इंचार्ज धनंजय कुमार राय, पुस्तकालय अध्यक्ष रीना, गार्ड बुकिंग इंचार्ज विनय कुमार मिश्रा, मंजीत सिंह, अजमल खान, वीर सेन कुमार, राकेश कुमार, राजेश कुमार, अरविन्द यादव, शिव मूरत यादव सहित अन्य पर्यवेक्षक एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन पुस्तकालय प्रभारी रीना ने किया।