वाराणसी(राष्ट्र की परम्परा)
शनिवार को रेल कर्मियों, सेवा निवृत्त रेल कर्मियों सहित आम जनता के लिये रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) की तकनीकी रेल विषयों पर हिन्दी में मौलिक पुस्तकें लिखने के लिये ’’लाल बहादुर शास्त्री तकनीकी मौलिक लेखन पुरस्कार योजना’’ अखिल भारतीय स्तर पर प्रचलित है, इस योजना में तकनीकी रेल विषयों पर हिन्दी में लिखी गयी पुस्तकों के लिये विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाता है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले रेल कर्मी प्रतियोगी अपनी मौलिक लेखन 18 जुलाई, 2023 तक राजभाषा अधिकारी/वाराणसी, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी कार्यालय, पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर को तथा सेवानिवृत्त रेलकर्मी अथवा अन्य व्यक्ति अपनी प्रविष्टि दो कृतियों (प्रतियों) के साथ 31 जुलाई, तक निदेशक(राजभाषा) कमरा नं. 544, रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड), रायसीना रोड, नई दिल्ली-110001 को भेज सकते हैं। अन्तिम तिथि के बाद प्राप्त प्रविष्टियों पर मंत्रालय द्वारा विचार नहीं किया जायेगा। पुस्तक सामान्यतः 100 पृष्ठ से कम नहीं होनी चाहिये।
प्रतियोगी अपने मौलिक लेखन के साथ टाइप किया हुआ अपना विवरण जिसमें लेखक का नाम (द्विभाषी रूप में), पदनाम, कार्यालय का नाम व पता, फोन/मोबाइल नम्बर, ई-मेल, पुस्तक का नाम, पुस्तक का विषय, प्रकाशक नाम या पता यदि कोई हो, पुस्तक लिखने का कार्य पूरा करने का समय तथा पृष्ठों की संख्या लिखकर इस घोषणा के साथ कि इस पुस्तक को कभी पुरस्कृत नहीं किया गया है, तथा पिछले तीन वर्ष के दौरान 01.01.2020 से 31.12.2022 के बीच पहली बार लिखी गयी है और इससे किसी दूसरे के कापी राइट अधिनियम का उल्लंघन नहीं होता है।
रेलवे बोर्ड द्वारा चयनित सर्वोत्तम पुस्तकों के लिये प्रथम पुरस्कार रू. बीस हजार, द्वितीय पुरस्कार रू. दस हजार एवं तृतीय पुरस्कार रू. सात हजार तथा प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।
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