June 21, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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ब्रजवासी इंद्र देव की जगह की गोवर्धन पर्वत की पूजा।

बघौचघाट। (राष्ट्र की परंपरा)
मेंदीपट्टी धाम स्थित श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय शिव शक्ति महायज्ञ में शनिवार को श्रीमद् भागवत कथा श्रवण के लिए भारी संख्या में भीड़ जुटी। कथा का शुभारंभ श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के अध्यक्ष व मुख्य यजमान सुरेंद्रलाल श्रीवास्तव ने श्रीमद्भागवत महापुराण का पूजन कर ख्याति प्राप्त कथा वाचक डॉ श्याम सुंदर पाराशर को माला पहनाकर किया। तत्पश्चात डॉ श्याम सुंदर पाराशर द्वारा श्रीमद्भागवत भगवान के वंदना से शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि एक बार कृष्ण के कहने पर सभी ब्रजवासी इंद्रदेव की बजाए गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। इससे देवराज इंद्र ने अपना अपमान समझा और क्रोध होकर मूसलाधार बारिश शुरू कर दी।भगवान कृष्ण ने इंद्रदेव का अहंकार दूर करने और सभी ब्रजवासियों की रक्षा हेतु गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया।सभी ब्रजवासियों ने गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण ली। जिससे इंद्रदेव को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने श्री कृष्ण से क्षमा याचना की। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का संदेश देते हुए कहा कि जिस पर्वत पर गाय एवं गोवंश हरा घास खा कर हमें दूध, दहीं व मक्खन खिलाती है।इसकी पूजा करना हमारा धर्म और संस्कृति है।गोवर्धन की परिक्रमा से हम यह शिक्षा प्राप्त करते हैं कि पर्यावरण को शुद्ध रखना और गोवंश की रक्षा करना है तो पर्वतों एवं जंगलों को बचाना होगा। कथा में प्रासंगिक दृष्टांत एवं सुमधुर भजनों की प्रस्तुति सुनकर श्रोता भावविभोर उठे। इस दौरान अध्यक्ष सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव, अंशुमान श्रीवास्तव क्षेत्राधिकारी देवरिया,पूर्व प्रधानाचार्य मधुसूदन मणि त्रिपाठी,गीता श्रीवास्तव,प्रिया श्रीवास्तव, देवेंद्र लाल श्रीवास्तव,गणेश मिश्र,प्रभुनाथ तिवारी,राजेंद्र राय,विशाल श्रीवास्तव,उपेंद्र लाल श्रीवास्तव,आलोक राय,टुनटुन बाबा,बृजेश पांडेय,विजय दास,अतुल श्रीवास्तव,संजय दूबे, पुजारी पं आचार्य राजू मिश्र,उमेश यादव,परमेश मिश्रा, राजन लाल श्रीवास्तव,विवेक राय, पत्रकार राजू प्रसाद श्रीवास्तव,राजीव प्रसाद,सुजीत यादव, मुकेश यादव,भीम यादव,रमेश शाह,हरिकेश लाल श्रीवास्तव,राजू राय,जय प्रकाश राय,प्रमोद दूबे,रामाशीष मौर्य,लक्ष्मी कांत शुक्ला,वशिष्ठ राय,अमरनाथ शुक्ल,दिनेश मिश्र,नरेंद्र यादव,जितेंद्र यादव,लालबाबू राय,जगदीश राय, लल्लन राय,व्यास राय,सुग्रीव राय,महेंद्र सिंह,अमरेंद्र प्रसाद,जेपी कुशवाहा,अरुण पांडेय,महात्म पांडेय,सदावृक्ष आदि ने कथा का रसपान किया।