प्रशासन फर्जी मुकदमें से दबाना चाहता है उनकी मांगों को
आजमगढ़ ( राष्ट्र की परम्परा )
खिरिया बाग आंदोलन की महिलाओं ने उत्पीड़न और उनके ऊपर दर्ज फर्जी एफआईआर की महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग से शिकायत की, महिलाओं ने मांग की हैं कि आयोग जांच कमेटी नियुक्त कर जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे,
शिकायत करते हुए मांग की गई कि शासन-प्रशासन द्वारा सर्वे के नाम पर महिलाओं के उत्पीड़न और अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के नाम पर जमीन छीने जाने के खिलाफ धरने पर बैठी हैं,12-13 अक्टूबर 2022 को महिलाओं के साथ उत्पीड़न करने वाले राजस्वकर्मियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ आज तक कानूनी कार्रवाई नहीं की गई, धरने से जुड़े किसान नेता राजीव यादव और अधिवक्ता विनोद यादव को मारने-पीटने और अपहरण करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करके हमारे खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करना साफ करता है कि डरा-धमकाकर जब आंदोलन को खत्म नहीं कर पाए तो अब कानून का दुरुपयोग करके फर्जी एफआईआर के जरिए दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है,यह कहां का इंसाफ है कि महिलाएं किसान नेताओं के अपहरणकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए गईं और उनके ऊपर ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया। आज़मगढ़ सांसद दिनेश लाल निरहुआ ने धरने पर बैठी महिलाओं और आज़मगढ़ वालों के खिलाफ हेट स्पीच दी पर उनपर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
शिकायत करते हुए कहा कि खिरिया बाग, जमुआ हरिराम, मंदुरी आजमगढ़ में 13 अक्टूबर 2022 से जमुआ हरिराम, गदनपुर हिच्छनपट्टी, जमुआ जोलहा, बलदेव मंदुरी, जिगिना करमनपुर, हसनपुर, कादीपुर हरिकेश व अन्य गावों के किसान मजदूर धरने पर बैठे हैं। 12-13 अक्टूबर 2022 के दिन और रात में जमीन के सर्वे के नाम पर एसडीएम सगड़ी राजीव रतन सिंह, कंधरापुर थाने के एसआई रतन कुमार सिंह, अन्य राजस्वकर्मियों और भारी पुलिस बल द्वारा बड़े पैमाने पर महिलाओं, बच्चियों और बुजुर्गों को बुरी तरह से मारा पीटा गया,दलित महिलाओं को जाति सूचक गालियां देते हुए अभद्रता की गई, दोषियों पर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी आजमगढ़ से शिकायत की गई तो उन्होंने झूठे मुकदमे में फसाकर, रासुका लगाने की धमकी दी। महिलाओं पर जुल्म ज्यादती और जमीन मकान छीने जाने के खिलाफ धरने पर बैठ गए, पिछले सात महीने से अधिक समय से शासन-प्रशासन से महिलाओं, बच्चियों, बुज़ुर्गों के साथ उत्पीड़न के दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते रहे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बारिश, ठंड और अब गर्मी को सहते हुए हम महिलाएं अपने साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ इंसाफ के लिए धरने पर बैठी हैं।
आंदोलन से जुड़े किसान नेता राजीव यादव और अधिवक्ता विनोद यादव का वाराणसी के चोलापुर के तराव बाईपास से 24 दिसंबर 2022 को दिन के ढाई बजे अपहरण हो गया, वे आंदोलन के समर्थन में वाराणसी से पदयात्रा करके मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पाण्डेय की गिरफ्तारी के बाद गांव के लोगों के साथ उनसे मिलने के लिए खिरिया, बाग आजमगढ़ से गए थे,आंदोलन से जुड़े गांव के लोगों ने शिकायत की तो पुलिस ने बताया कि आज़मगढ़ एसटीएफ क्राइम ब्रांच ने उन्हें उठाया है, किसान नेता के अपहरण पर हमारे व प्रदेश-देश के किसान नेताओं और सामाजिक-राजनीतिक नेताओं-कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध करने के बाद देर रात उनको छोड़ा गया। गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार हुए किसान नेताओ पुलिस हिरासत से छोड़ दिया गया,छूटने के बाद राजीव यादव ने बताया कि खिरिया बाग में चल रहे किसान-मजदूर आन्दोलन के बारे में न सिर्फ उनसे पूछताछ की गई बल्कि धमकी देते हुए मारा-पीटा गया।
खिरिया बाग आंदोलन के किसान नेताओं के उत्पीड़न पर ग्रामवासियों का एक प्रतिनिधि मंडल 26 दिसंबर 2022 को एसपी आज़मगढ़ से मिलने गया। एसपी कार्यालय परिसर के गेट पर जब महिलाएं पहुंची तो पुलिस ने रोक दिया कहा की महिलाओं को अंदर नहीं जाने दिया जाएगा, महिलाओं ने कहा कि जो आगंतुक कक्ष बना है क्या उसमें हमें बैठने का अधिकार नहीं है,इस पर पुलिस धमकाने लगी कि गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने भारी पुलिस बल बुलाया, महिलाओं ने कहा कि पुलिस महिलाओं का अपमान कर रही है इस दौरान मीडिया भी वहां मौजूद थी। पुलिस अधिकारियों से वार्ता के बाद उन्होंने हमारी बात मानी और महिलाओं को आगंतुक कक्ष में बैठाया। 6 व्यक्तियों के प्रतिनिधिमंडल ने एसपी कार्यालय में एसपी आजमगढ़ से मुलाक़ात करके अपहरणकर्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की, एसपी से यह भी बताया कि पुलिस में शिकायत की गई तो उन्होंने कहा कि आजमगढ़ एसटीएफ क्राइम ब्रांच ने किसान नेताओं को उठाया था और सबसे बड़ा सवाल है कि अपहरणकर्ताओं का नेतृत्व कर रहे व्यक्ति के मोबाइल पर ssp azh के नंबर से फोन आ रहा था,महिला प्रतिनिधियों ने कंधरापुर थाने में तैनात एसआई रतन कुमार सिंह की एसपी से शिकायत की कि वह धरना स्थल पर आकर महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करते हैं, जिनके खिलाफ एसपी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया।
9 मार्च 2023 को पुलिस ने मौखिक रूप से फोन और धरना स्थल पर आकर खिरिया बाग, आंदोलन के अध्यक्ष मंडल के सदस्य रामनयन यादव को बताया कि 27 दिसंबर 2022 को थाना कोतवाली आज़मगढ़ में एफआईआर संख्या 0602 दर्ज हुई है, जिसमें संदीप पाण्डेय, राजीव यादव, विनोद यादव, रामनयन यादव, वीरेन्द्र यादव, क़िस्मती देवी, नीलम और 60-70 अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध धारा 143, 145, 149, 188, 353 धाराओं में मुक़द्दमा पंजीकृत किया गया है। उक्त पुलिसकर्मी ने यह भी कहा कि एसपी आज़मगढ़ से मुलाक़ात कर लीजिए।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि यह एफआईआर आंदोलनकारियों का उत्पीड़न और दबाव बनाने के लिए दर्ज किया गया है, क्योंकि 2 फरवरी 2023 को जिलाधिकारी कार्यालय में हुई वार्ता में प्रशासन द्वारा महिलाओं के साथ किए गए उत्पीड़न और अभद्रता के सवाल पर एसपी आजमगढ़ ने स्पष्ट कहा था कि आपके खिलाफ अब तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई, ऐसे में 27 दिसंबर 2022 को दर्ज एफआईआर के बारे में 9 मार्च 2023 को सूचना देना बताता है कि आंदोलन के दौरान इस तरह के झूठे एफआईआर दर्ज किए गए हैं, जिसमें से दबाव बनाने के लिए इस एक एफआईआर की सूचना दी गई है।
महिलाओं ने मांग कीया कि राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राज्य मानवाधिकार आयोग जांच दल बना कर खिरिया बाग आंदोलन की महिलाओं के साथ शासन-प्रशासन द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न की जाँच करवाकर दोषियों के खिलाफ़ कार्रवाई करे.
इस दौरान सुभावति, नीलम, अनीता, सुनीता, फूलमती, किस्मती, बिंदु, मानवती, कौशल्या, सुभागी, बदामी, शीला, शकुंतला, श्याम दुलारी, शांति, मीना और अन्य शामिल हैं।
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