नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग पर भारत ने आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ढाका से प्राप्त प्रत्यर्पण अनुरोध पर न्यायिक और आंतरिक कानूनी प्रक्रियाओं के तहत गंभीरता से विचार किया जा रहा है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत बांग्लादेश में शांति, लोकतंत्र, स्थिरता और समावेशिता को प्राथमिकता देता है और इस दिशा में सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक संवाद जारी रखेगा।
मानवता के विरुद्ध अपराध में मौत की सजा
78 वर्षीय शेख हसीना को पिछले सप्ताह ढाका के एक विशेष न्यायाधिकरण ने उनकी अनुपस्थिति में मानवता के विरुद्ध अपराध के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। आरोप है कि पिछले वर्ष छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों पर उनकी सरकार ने बर्बर कार्रवाई की थी।
इसी दौरान 5 अगस्त को बड़े पैमाने पर हुए प्रदर्शनों के बाद हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई थीं।
बांग्लादेश ने भारत को भेजा प्रत्यर्पण अनुरोध
नए फैसले के बाद बांग्लादेश सरकार ने भारत को एक आधिकारिक पत्र भेजकर कहा कि दोनों देशों के बीच मौजूद प्रत्यर्पण संधि के तहत हसीना को तत्काल ढाका को सौंपा जाए। ढाका का दावा है कि यह भारत की संधिगत ज़िम्मेदारी भी है।
भारत का रुख: कानूनी प्रक्रिया के बाद ही निर्णय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया:
“इस अनुरोध पर कानूनी और न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार विचार किया जा रहा है। भारत बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों, लोकतंत्र और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है।”
सूत्रों के अनुसार, भारत के प्रारंभिक आकलन में यह भी सामने आया है कि हसीना को सजा सुनाने की प्रक्रिया में न्यायाधीशों की नियुक्ति सहित कई संवैधानिक खामियां हो सकती हैं।
हसीना का आरोप – ‘गैरकानूनी न्यायाधिकरण में सुनाया गया फैसला’
शेख हसीना ने इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि यह निर्णय “एक अनिर्वाचित सरकार द्वारा स्थापित गैरकानूनी न्यायाधिकरण” ने दिया है, जिसका कोई लोकतांत्रिक जनादेश नहीं है।
चुनाव से पहले आया अहम फैसला
यह फैसला ऐसे समय आया है जब बांग्लादेश में कुछ महीनों बाद संसदीय चुनाव होने हैं। हसीना की आवामी लीग पार्टी को आगामी फरवरी चुनावों में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
भारत-बांग्लादेश के बीच सुरक्षा संवाद जारी
बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खलीलुर रहमान ने हाल ही में भारत के NSA अजित डोभाल को ढाका आने का निमंत्रण भी दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि समय आने पर इस पर विचार किया जाएगा।
