नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के Global Summit on Traditional Medicine के समापन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग और आयुष प्रणालियों की वैश्विक भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत आज पारंपरिक चिकित्सा को आधुनिक विज्ञान से जोड़कर दुनिया को स्वास्थ्य का समग्र मार्ग दिखा रहा है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने आयुष क्षेत्र को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए माई आयुष इंटीग्रेटेड सर्विसेज पोर्टल (MAISP) का शुभारंभ किया और आयुष मार्क का अनावरण किया, जिसे आयुष उत्पादों व सेवाओं की गुणवत्ता के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक के रूप में विकसित किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते तीन दिनों में आयोजित इस वैश्विक सम्मेलन में दुनिया भर के विशेषज्ञों ने पारंपरिक चिकित्सा, अनुसंधान, डिजिटल तकनीक और नियामक ढांचे पर गहन चर्चा की। भारत का जामनगर अब WHO के पारंपरिक चिकित्सा के वैश्विक केंद्र के रूप में उभर चुका है, जो देश के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के संगम का मजबूत मंच बना है।
योग को पारंपरिक चिकित्सा का अहम स्तंभ बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि योग ने विश्व को संतुलन, स्वास्थ्य और सामंजस्य का मार्ग दिखाया है। भारत के प्रयासों से 175 से अधिक देशों के सहयोग से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया, जो आज वैश्विक जन-आंदोलन बन चुका है।
उन्होंने यह भी कहा कि बदलती जीवनशैली और तकनीकी सुविधाओं के कारण मानव स्वास्थ्य के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं। ऐसे में आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में संतुलन की अवधारणा भविष्य की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी। अश्वगंधा जैसे उदाहरणों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत साक्ष्य-आधारित अनुसंधान के जरिए पारंपरिक औषधियों को वैश्विक स्तर पर प्रमाणिक बना रहा है।
