प्रक्षेपास्त्र जैसे दुश्मन के निशाने
पर तीब्रतम प्रहार मर्दि-गर्द करता है,
भीष्म प्रतिज्ञा सा निश्चित लक्ष्य,
त्वरित गति से लक्ष्य भेद करता है।
वैसे ही कविता का मूलतत्व शान्ति
व संतोष से जीना भी सिखाता है,
जीने की सहज राह, जीने की
कला, ज्ञान विज्ञान स्वर गाता है।
कवि की कविता का, उसके काव्य
तत्व का कोई भी मोल हो न हो,
लाखों दिलों को छूकर, झकझोर
कर काव्य के शौर्य का गुण गाता है।
संस्कृत से सुशोभित वर्ण- स्वर,
धवल पृष्ठ पर यूँ सजाता कवि,
स्वशरीर रचित, इतिहास जनित
मन से मानव उपजाता है कवि।
वह पहले ऋचा था, फिर छन्द हुआ,
और आज वैचारिक गद्य-पद्य बन,
जीवन रूपी जल की सतह पर,
अग्नि प्रज्ज्वलन करवाता है कवि।
कविता का अभिप्राय, कवि का
ज्ञान, समाज को ज्ञान का दान,
दुर्लभ तो है पर, कल्पना की
ऊँचाई से समर्पित करवाता कवि।
कवि और कविता की महिमा में
जो भी,जितना लिखूँ कम ही होता है,
जहाँ न जाय रवि, वहाँ जाय कवि,
आदित्य इसका मोल-अनमोल है।
24 दिसंबर 2025 का पंचांग: बुधवार को पौष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि…
आज का राशिफल 24 दिसंबर को ग्रह-नक्षत्रों की चाल के आधार पर आपके दिन की…
चितरंगी/मध्य प्रदेश (राष्ट्र की परम्परा)। शासकीय सांदीपनि मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चितरंगी में मंगलवार को…
आगरा (राष्ट्र की परम्परा)l जनपद आगरा के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) बल्केश्वर में 23…
आगरा (राष्ट्र की परम्परा)l उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान ने…
सलेमपुर/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)l सलेमपुर नगर के सोहनाग मोड़ पर मंगलवार को बांग्लादेश में हिंदू…