आगरा(राष्ट्र की परम्परा)
योग का भारतीय संस्कृति में एक प्रमुख स्थान है। योग मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है। यह एक ऐसी शक्ति है, जो कई असाध्य रोगों को नेस्तनाबूद करने की क्षमता रखता हैं। इसीलिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है।
राष्ट्रीय नेता एवं वरिष्ठ समाजसेवी संजीव कुमार सिंह ने सभी से अपील करते हुये बताया कि बिना एक्सपर्टस की सलाह के गलत तरीके से योग ना करें, हमेशा योगा एक्सपर्ट की देख रेख में ही योग क्रिया को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। जब भी योगा करे एक्सपर्ट्स की सलाह से करें। योग का अभ्यास एक बेहतर इंसान बनने के साथ एक तेज दिमाग, स्वस्थ दिल और एक सुकून भरे शरीर को पाने के तरीकों में से एक है। योग अपने अद्भुत स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2015 में आरंभ होने के बाद, हर साल 21 जून को मनाया जाता है। यह हमारे जीवन में इस प्राचीन भारतीय कला को अनमोल करने के महत्व पर बल देने का एक महान प्रयास है। हमारे पड़ोसी देशों और दुनिया भर के अन्य देशों ने भी समान उत्साह के साथ इस दिन को मनाया जाता हैं। इस अवसर पर हम विभिन्न क्षेत्रों में शिविर आयोजित करेंगे, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गो ने सामूहिक रूप से बढ़-चढ़कर हिस्सा लेगे हैं।अतः इस अवसर एक वार पुनः सभी देशवासियों को विश्व योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई।
सिंह ने आगे बताया कि योग मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है। वहीं, एक्सपर्ट्स का मानना हैं कि योग से लाभ भी हैं तो हानियां भी हैं, अगर शारीरिक की क्षमता से अधिक योगाभ्यास करने की कोशिश करने से आपके शरीर पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। योगाभ्यास करते समय चोट लगना शायद आपको आम लग रहा होगा,लेकिन योग के दौरान लगने वाली चोट आम नहीं होती, क्योंकि इसमें गर्दन, घुटने और कंधे की चोट शामिल हैं। योगाभ्यास के दौरान मांसपेशियों के फटने, हर्नियेटेड डिस्क और कार्पल टनल की परेशानी भी देखने को मिलती है। साथ ही कुछ योगासनों से हाथों पर अधिक बल पड़ता है, जिससे कलाई, कोहनी और कंधे को क्षति होने का खतरा बना रहता है। क्योंकि अत्यधिक योगाभ्यास से शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है, जिससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और सोडियम का स्तर कम हो जाता है, अगर योग करने के बाद आपको चक्कर, थकान या अत्यधिक कमजोरी महसूस होती है तो ये संकेत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि आप बहुत ज्यादा योग कर रहे हैं। योगाभ्यास करते समय जरुरत से ज्यादा शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी के विरूद्ध जोर दिया जाए, तो शरीर की मांसपेशियां ज्यादा खिंच जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप शरीर के उस हिस्से में दर्द शुरू हो जाता है। ऐसे में समय रहते अगर इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाए तो शरीर का वह हिस्सा लकवाग्रस्त होने की संभावना हो जाती है। इसलिए योगा जब भी करें एक्सपर्ट्स की सलाह से करें।
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