●चोरी, बलात्कार, हत्या आदि घटनाओं का नहीं हो रहा खुलासा
●डर के साए में जी रहे हैं तबके के लोग
भागलपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)l आपको बताते चलें की पत्रकार गोविंद मौर्य के भाई हरिकेश की रेलवे प्लेटफार्म के किनारे पर मिली लाश।भूमाफियाओं ने दी थी जान से मारने की धमकी,शूटरों को लगाया था पीछे,परिजन 1 माह से थाने से लगातार मुख्यमंत्री तक से सुरक्षा की गुहार लगाते रहे लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की गहरी नींद कहें या दबंगों से डरकर अधिकारियों ने संज्ञान तक नहीं लिया,जिसके परिणाम स्वरूप गरीब किसान भुआल कुशवाहा के बेटे की भूमाफियाओं ने निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई।और तो और जब लखनऊ से दबाव पड़ा तक कई दिन बाद 302 व 201 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ,घटना की एफआईआर दर्ज होते ही उसकी विवेचना में लगे कोतवाल को रातों रात ट्रांसफर कर दिया गया।उनकी हत्या या एक्सीडेंट का कोई खुलासा नहीं हुआ। वही मौना गढ़वा के प्रधान डॉ जनार्दन कुशवाहा जो पेशे से डॉक्टर और पत्रकार है उन पर जानलेवा हमला हुआ ।उनके साथ भी मारपीट हुई, जिसमें आधे दर्जन से अधिक युवक उनका जान लेने का प्रयास किया। लेकिन आज तक इन अराजक तत्वों का कोई खुलासा नहीं हुआ। वही गोविंद मौर्य को कुछ लोगों ने धमकी दिया था और इन्होंने कानून की मदद मांगी लेकिन उनकी सुरक्षा पर अधिकारियों ने मौन धारण किया हुआ है। आखिर किसके दबाव में ऐसा कार्य हो रहा है। क्या अपराधी किसी संगठन से तो नहीं जुड़े हैं। अगर जुड़े हैं तो ऐसे संगठन को तत्काल प्रभावी रूप से बंद किया जाए। कानून को निश्चल अपना काम करना चाहिए जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए कानून जल्द से जल्द न्याय करें और अपराधियों की गिरफ्तारी हो। खुले में घूम रहे हैं ऐसे अपराधी किसी और घटना को अंजाम दे इस पर लगाम लगाया जाए।पत्रकार की सुरक्षा के सवाल पर लखनऊ में हलचल तेज हो गयी है।अब देखते हैं कि आगे क्या क्या होता है,सूत्रों के अनुसार कई ऐसे तथ्य हैं जिससे इस घटना में जुड़े कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है।
More Stories
संस्कृत पढ़ने गया विनय बना खूनी!
मोहर्रम का मातमी जुलूस श्रद्धा और अकीदत के साथ संपन्न, दुलदुल घोड़ा बना आकर्षण का केंद्र
एक की मौत, दो गंभीर घायल हाईटेंशन तार की चपेट में आया ताजिया, इलाके में मचा हड़कंप