जयपुर(राष्ट्र की परम्परा) विश्व सनातन संघ राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक में धर्मांतरण पर प्रभावी रोक लगाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयक का विश्व सनातन संघ ने स्वागत किया है और इसके लिए सरकार का हृदय से आभार व्यक्त किया है।
विश्व सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रभान शर्मा ने कहा कि यह विधेयक राष्ट्र और समाज के लिए ऐतिहासिक एवं दूरगामी परिणाम लाने वाला साबित होगा। लंबे समय से छल-कपट और प्रलोभन के माध्यम से किए जा रहे धर्मांतरण से समाज की एकता और संस्कृति पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था अतः सरकार द्वारा लाया गया यह कानून सनातन संस्कृति एवं परंपराओं की रक्षा के साथ-साथ सामाजिक समरसता को सशक्त करेगा। संघ के संरक्षक विष्णुदास नागा ने इसे एक साहसिक और सराहनीय कदम बताते हुए कहा कि धर्मांतरण केवल व्यक्तिगत आस्था का विषय नहीं, बल्कि राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए चुनौती बन चुका था। यह विधेयक आने वाली पीढ़ियों को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने में मार्गदर्शक सिद्ध होगा।
संघ के महासचिव डॉ राकेश वशिष्ठ ने कहा कि इस कानून के क्रियान्वयन से उन असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगेगा जो आर्थिक या अन्य प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवाते हैं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय राष्ट्रहित में मील का पत्थर साबित होगा।
संघ के महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष संगीता शर्मा ने कहा कि धर्मांतरण का सबसे अधिक असर महिलाओं और गरीब परिवारों पर पड़ता है। यह कानून उन्हें सुरक्षा और संरक्षण देगा।
संघ के राष्ट्रीय सलाहकार जेपी शर्मा ने कहा कि यह कानून सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए आवश्यक था और इसे जनता का व्यापक समर्थन मिलेगा।
विश्व सनातन संघ ने एक स्वर में आम नागरिकों से अपील की कि वे जागरूक रहकर समाज में हो रहे किसी भी प्रकार के छलपूर्वक धर्मांतरण का विरोध करें और सरकार के प्रयासों में सहभागी बनें।