बरहज/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने सोशल मीडिया पर कान्हा गौशाला बरहज से जुड़े वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए एक चार सदस्यीय जांच टीम से पूरे प्रकरण की जांच करायी है। जांच में वायरल वीडियो में एडिटिंग के जरिये कुछ पुराने एवं नए वीडियो शाट्स के मिक्सिंग किये जाने की पुष्टि हुई है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर सीवीओ अरविंद कुमार वैश्य ने बताया कि वायरल वीडियो में कान्हा गौशाला बरहज में मरे हुए पशुओं को गौशाला के अन्दर गाड़ने के सम्बन्ध में संयुक्त टीम द्वारा जिसमें अधिशासी अधिकरी निरूपमा प्रताप, उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ० राजेश मोहन, खण्ड विकास अधिकारी तारकेश्वर तिवारी एवं पशु चिकित्साधिकारी डॉ० कंचनलता की संयुक्त टीम द्वारा जांच की गई, जिसमें में पाया गया कि दिनांक 17.08.2024 को रात्रि में 10:00 बजे गेट के मुख्य द्वार पर बाहर चार पशुओं को कोई व्यक्ति अस्वस्थ एवं भींगे हुए दशा में छोड़कर चला गया था। जिसमें दो पशुओं की रात्रि में ही मृत्यु हो गयी थी और सुबह एक बछिया एवं एक बाछे की मृत्यु सुबह हो गयी। बरसात होने के कारण मरे हुए पशुओं को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार गौशाला में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था, क्योंकि सामान्तया जहाँ पर पशुओं का अंतिम संस्कार किया जाता है, वहाँ बाढ का पानी भरा हुआ था।
पशुधन प्रसार अधिकारी अशोक पांडेय, गौशाला के केयरटेकर भानु, प्रदीप सोनकर तथा जलकल के सुपरवाइजर महेश ने जांच टीम को बताया कि पूर्व में कान्हा गौशाला परिसर के आसपास के क्षेत्र में मृत गोवंशों का अंतिम संस्कार किया जाता रहा है, किंतु, बाढ़ एवं बारिश के कारण पूर्व में दफन किये गए कंकाल सतह पर आ गए हैं।
सीवीओ डॉ अरविंद कुमार वैश्य ने बताया कि प्रथम दृष्टया वायरल वीडियो में प्रयुक्त कुछ फुटेज तीन वर्ष से अधिक पुराने हैं, जिनका एडिटिंग कर प्रयोग किया गया है।
More Stories
स्वांग कर वर्षों पूर्व लापता हिन्दू युवक के घर घुसा विशेष समुदाय का युवक – हुआ गिरफ्तार
समावेशी संस्कृति से ही सशक्तिकरण संभव: कुलपति प्रो. पूनम टंडन
गोरखपुर विश्वविद्यालय और बी-स्कूल बुल्स के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर