
प्राचीन जलाशय कार्य आरंभ, एवं बौद्ध स्तूप को मुख्य मार्ग जोड़ना अहम
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। लक्ष्मीपुर विकास क्षेत्र प्राचीन काल के बौद्धिक स्थल बनरसिहा देवदह गौतम बुद्ब का ननिहाल है।जो प्राचीन नाम देवदह बौद्ध स्थल के लिए लगभग तीन करोड़ की लागत से विपश्यना हाल, पथवे और भव्य मुख्य द्वार, प्रकाश कार्य पूर्ण हो चुका है। हालांकि जलाशय के सुंदरीकरण का कार्य प्रगति पर है परंतु यहां के बौद्ध स्तूपों का जीर्णोद्धार परिक्रमा पथ और मुख्य मार्ग से सीधे जोड़ने का कार्य अभी पूर्ण रूप से बाकी है। पिछले सत्र में बजट के अभाव में प्रस्तावित कार्य पूर्ण होने की संभावना है। वहां इस बात को लेकर बौद्ध धर्मावलंवियो (बौद्ध भिक्षुओं) उत्साहित हैं। एन एच 24 मुख्य मार्ग के एकसड़वा से पूरब करीब 12 किमी दूरी पर लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत में बनरसिहा कला में स्थित गौतम बुद्ध का ननिहाल देवदह में करीब तीन करोड़ रुपए की लागत से विपश्यना हाल, भव्य द्वार, पथवे बनकर तैयार हो गया है और मार्ग के किनारे -किनारे शौर्य स्ट्रीट लाइट भी लग चुका है। इसके अलावा प्राचीन ऐतिहासिक सगरा का सुंदरीकरण कार्य प्रगति पर है जबकि विगत वर्ष के वित्तीय वर्ष में यह सब कार्य पूर्ण किया गया है। जबकि इस वित्तीय वर्ष में अनेक कार्य प्रस्तावित है जिसमें बौद्ध स्तूपो का जीर्णोद्धार और चारों तरफ से परिक्रमा पथ निर्माण बाकी है। इसी क्रम में देवदह के लिए 10 एकड़ भूमि पर भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित झांकियां पयर्टन विभाग की ओर से बनाया जाएगा।
विगत कई दशकों से बौद्ध स्थलों के जीर्णोद्वार और विकास की मांग कर रहे देव दह रामग्राम बौद्ध विकास समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र राव ने बताया कि स्तूप परिक्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री को पत्र दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान बजट से उम्मीद है कि पयर्टकों की दृष्टि से देव दह और रामग्राम का होने की पूरी संभावना जताई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी बौद्ध स्थलो को मुख्य मार्ग से जोड़ने का प्रस्ताव है।देखना यह कि इस राम राज्य में बौद्ध स्थलों एवं बौद्ध धर्मावलंबियों को सफलता और खुशी कब मिलेगी।
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