Wednesday, October 15, 2025
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ग्राम रोजगार सेवकों का फूटा गुस्सा —त्योहारों में भी बिना मानदेय कर रहे हैं काम, शासन से तत्काल मानदेय भुगतान की मांग

ग्राम रोजगार सेवक संघ ने आयुक्त ग्राम्य विकास को भेजा ज्ञापन

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। प्रदेश भर के ग्राम रोजगार सेवकों का आक्रोश अब सड़कों से लेकर दफ्तरों तक पहुंच चुका है। ग्राम रोजगार सेवक संघ ने दीपावली पर्व से पहले तक बकाया मानदेय भुगतान की मांग को लेकर शासन से कड़ा रुख अपनाया है। संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष/ जिलाध्यक्ष ब्रह्मानंद ने लखनऊ स्थित आयुक्त ग्राम्य विकास को पत्र भेजकर मांग किया है कि दीपावली से पूर्व बकाया मानदेय भुगतान किया जाय। संघ द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि ग्राम रोजगार सेवक पिछले कई महीनों से लगातार बिना मानदेय के कार्य कर रहे हैं। दशहरा, नवरात्र और अब दीपावली जैसे प्रमुख त्यौहारों पर भी ग्राम रोजगार सेवक अपने परिवार की जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहे हैं। पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि शासन द्वारा प्रतिमाह 7788/- मानदेय दिया जाता है, परंतु कई महीनों से भुगतान लंबित है। संघ का आरोप है कि ग्राम रोजगार सेवक ग्रामीण विकास विभाग की रीढ़ हैं वही मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, जल जीवन मिशन, अमृत सरोवर योजना, पंचायत राज कार्यों और ग्रामीण विकास की सभी योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करते हैं। इसके बावजूद शासन द्वारा उन्हें नियमित वेतन या सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के हजारों ग्राम रोजगार सेवक दीपावली जैसे पर्वों पर भी बिना मानदेय के आर्थिक तंगी में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। कई ग्राम रोजगार सेवक घर-परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कर्ज लेने पर विवश हैं। पत्र में मांग की गई है कि शीघ्र सभी ग्राम रोजगार सेवकों का मानदेय जारी किया जाए ताकि वे भी सम्मानपूर्वक त्योहार मना सकें। संघ ने यह भी आरोप लगाया है कि मानदेय भुगतान में अनियमितता और देरी के कारण ग्राम रोजगार सेवकों में भारी असंतोष है। कई जिलों में ग्राम रोजगार सेवक कर्ज, अवसाद और मानसिक तनाव की स्थिति से गुजर रहे हैं। पत्र में चेतावनी दी गई है कि यदि जल्द भुगतान नहीं किया गया तो प्रदेश के सभी ग्राम रोजगार सेवक आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। प्रदेश उपाध्यक्ष/ जिलाध्यक्ष ब्रह्मानंद,ओम प्रकाश सिंह, धर्मेंद्र,जितेंद्र, इंद्र विजय यादव, शशि कला चौधरी, इंद्रमणि विश्वकर्मा, चिंटू प्रसाद द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित ज्ञापन की प्रति आयुक्त ग्राम्य विकास को भेजी गई है।

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