बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
तहसील क्षेत्र ग्राम खोड़ा निवासी प्रदीप कुमार सिंह ने बताया की उनकी पुश्तैनी मकान ग्राम खोड़ा में स्थित है। प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि हम लोग अपने माता पिता की 6 पुत्र हैं, जिसमें मै गोरखपुर में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था और वही अपने परिवार को लेकर रहता था।लेकिन अचानक हुए सड़क हादसे में घायल हो जाने के कारण मैं पूरी तरह से लचर हो गया जिसके कारण मै पत्नी व बच्चो के साथ अपने घर ग्राम खोड़ा आ गया, जिसमें हमें सिर्फ मेरे बड़े भाइयों द्वारा एक कोठरी दी गई लेकिन परिवार बड़ा होने के नाते इस कोठरी में गुजर बसर करना संभव नहीं था, जिसके लिए मैंने अपने परिजनों और आसपास के लोगों से अपने पुश्तैनी मकान में हिस्सा देने की बात कही लेकिन मेरे भाइयों ने मेरी एक न सुनी जिसके लिए मैंने न्यायालय में वाद दायर किया था, लेकिन लाचारी के चलते मैं न्यायालय में हाजिर नहीं हो पाया जिसके लिए न्यायालय से मेरा मुकदमा खारिज कर दिया गया। किन्तु आज अपने बच्चों के साथ दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हैं, फिर भी हमें न्याय नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में मैंने उप जिलाधिकारी बरहज के कार्यालय में 20 अप्रैल 2023 को एक प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई थी, जिसमें हल्का लेखपाल चंद्रशेखर को उप जिलाधिकारी के द्वारा जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही गई, लेकिन लेखपाल के द्वारा किसी भी प्रकार की जांच नहीं की गई। जिस संबंध में प्रार्थी ने पुनः 12 जून सोमवार को शिकायती प्रकोष्ठ में प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।
इस संबंध में पूछे जाने पर हल्का लेखपाल चंद्रशेखर ने उप जिला अधिकारी के आदेश को नजरअंदाज करते हुए किसी भी प्रकार की पत्रावली ना मिलने की बात कही। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या उप जिला अधिकारी के आदेश की पत्रावली जांच आख्या हेतु लेखपाल के पास नहीं गई थी, यदि गई है तो लेखपाल की मनमानी साफ तौर पर देखी जा रही है।
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