
एआरपी ने किया कंपोजिट विद्यालय में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण
कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)
शिक्षण संदर्शिका शिक्षकों के मार्गदर्शन हेतु है, इसमें प्रत्येक पाठ का उद्देश्य एवं बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को ध्यान में रखकर किए जाने वाले क्रिया-कलापों की चर्चा की गयी है। संदर्शिका से शिक्षण कार्य करने पर पाठ योजना बनाने की आवश्यकता नहीं होती।
यह बातें दुदही के अंग्रेजी विषय के एआरपी अजय प्रताप कुंवर ने कही। वह सोमवार को दुदही विकास खंड के ग्राम पंचायत रकबा दुलमापट्टी स्थित कंपोजिट विद्यालय भगवानपुर में प्राथमिक कक्षाओं में अंग्रेजी विषय का सहयोगात्मक पर्यवेक्षण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निपुण लक्ष्य एप से नियमित आंकलन करने, नियमित रूप से निपुण तालिका भरने व साप्ताहिक आंकलन कर कमजोर छात्रों को उपचारात्मक शिक्षण देने से छात्रों के अधिगम स्तर में अपेक्षित वृद्धि होती है। बताया कि आगामी 17 फरवरी से 25 फरवरी तक होने वाले निपुण आकलन टेस्ट को सफल बनाने हेतु मनोयोग से जुट जाएं। उन्होंने शिक्षकों को पाठ योजना बनाने व शिक्षक डायरी भरने की जानकारी दी। इस दौरान नन्हे प्रसाद, ब्रजेश सिंह, नीतू यादव, अनीता कुशवाहा, अनूप, निर्मला, खुशी आदि छात्र मौजूद रहे।
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