November 24, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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बेमौसम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

फसलों के नुकसान से किसानों के माथे पर बल

संत कबीर नगर(राष्ट्र की परम्परा)। बेमौसम बारिश ने किसानों व आमजन के लिए आफत बन गई है। लगातार बारिश से किसानों की खड़ी फसल धान, मक्का, तिल्ली, गन्ना, उड़द, अरहर, मूंगफली आदि प्रभावित हुई है। जिसे लेकर किसान काफी चिंतित है। खेतों में पानी लगने से कड़ी मेहनत से बीज की सिंचाई से आर्थिक नुकसान हुआ है। भविष्य की तैयारी धरी की धरी रह गई है। सब्जियों को भी काफी नुकसान हुआ है। रोज कमाने खाने वालों पर भी काफी प्रभाव पड़ा है। बुद्धवार से आरम्भ हुई बारिश अनवरत से जारी है। जिले ब्लाक परिसर, सामुदायिक केंद्र व कई परिषदीय स्कूलों में जलभराव हो गया है। कई विद्युत केंद्र भी जल निकासी न होने के कारण पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। स्वास्थ्य सेवाएं भी काफी प्रभावित हो रही हैं।
गाँव मुहल्लों में पानी लगने से कीड़े मकोड़े के घरों में पहुंचने की सम्भावना से लोग भयभीत है। लगातार बारिश के कारण सड़कों की हालत काफी भी दयनीय है। सड़कों पर जलभराव के कारण आवागमन दुष्कर हो गया है।
लगातर बारिश का दंश बेजुबान पशु भी झेल रहे हैं। छुट्टा गौवंश खेतों में व मैदानों में पानी भरे होने के कारण सड़कों पर आने के कारण दुर्घटना का शिकार होकर चुटहिल हो कर तड़प-तड़प कर मरने को विवश हैं। जिनका कोई पुरसाहाल नहीं है। घायल अवस्था में कई दिनों तक पड़े होने के कारण मृत्यु हो जाती है। फिर मृत गौवंशों को कोई विभाग उठाकर दफनाता नहीं है। बदबू से राहगीरों को निकलना दुष्कर हो जाता है।
दुसरी ओर किसानों के फसल बीमा के नाम पर लाखों रुपए डकारने वाली बीमा कंपनियां किसानों के साथ छलावा कर रही हैं। नुकसान के लिए हुए मुआवजा के लिए किसानों को 24 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को सूचना देने का प्रावधान है। परंतु इनके प्रतिनिधि व टोल फ्री नंबर से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
बेमौसम बारिश से किसानों की माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं। फसलों का भारी नुकसान का प्रभाव पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।