महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)।मूल्य समर्थन योजनातर्गत खरीफ विपणन वर्ष 2023–24 हेतु धान खरीद का शुभारंभ परतावल मंडी में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी द्वारा किया गया।इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि किसानों की चिंता सदैव भाजपा सरकारों ने किया। एमएसपी के आभाव में किसानों की उपज औने–पौने दाम में बिकती थी। लेकिन एमएसपी तय होने से किसानों के उपज की न्यूनतम दर तय होने से एक निश्चित कीमत मिलने लगी। लेकिन उचित मूल्य की बात करें तो इसकी चिंता अटल बिहारी वाजपेई ने शुरू की और उसे आगे बढ़ाया भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा की और इसके लिए उन्होंने एमएसपी के साथ–साथ लागत कम करने, उन्हे कृषि हेतु विभिन्न सुविधाएं देने और फसलों के मूल्य की गारंटी देने पर कार्य किया। इसी कड़ी में कृषि कानून लाए गए थे, लेकिन दुर्भाग्यवश लागू नहीं हो सके। फिर भी तुलना करे तो 2013–14 धान की एमएसपी 1360 रुपए की तुलना में आज एमएसपी 2183 रुपए हो चुका है। भाजपा सरकार में केवल एमएसपी की घोषणा ही नही की गई, बल्कि एमएसपी पर खरीद भी सुनिश्चित किया गया। 2013–14 में 3.9 लाख करोड़ रुपए के खरीद की तुलना में मोदी सरकार में पिछले आज 10.64 लाख करोड़ की खरीदारी की गई है। इसी प्रकार गेहूं, दलहन और तिलहन में भी एमएसपी बढ़ाने के साथ–साथ एमएसपी पर खरीद को सुनिश्चित किया गया।
उन्होंने कहा कि दुनिया में आज हम भारी मात्रा में निर्यात कर रहे हैं। चावल के निर्यात में लगभग 100 प्रतिशत बढ़ी है। उन्होंने कहा कि किसानों की लागत कम करने के लिए केंद्र सरकार प्रयास कर रही। आज वैश्विक माहौल खराब होने के कारण डीजल, पेट्रोल, यूरिया आदि का दाम बढ़ा है। लेकिन इस वृद्धि के बोझ से किसानों को बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा 30 हजार करोड़ से अधिक के सब्सिडी की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा की इसी तरह यूरिया के प्रति बोरे पर सरकार 200/– से अधिक की सब्सिडी भारत सरकार दे रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के लागत को कम करने और उपज का दाम बढ़ाने का कार्य कर रही है। इसी प्रकार सिंचाई सुविधाओं की वृद्धि, किसान बीमा और ई–नैम मंडियों के माध्यम से किसानों की आय को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री का मानना है कि किसान को खुशहाल किए बिना देश को खुशहाल नही किया जा सकता है। इसकी मिसाल है कि कोविड में जब सभी तरफ अर्थव्यवस्था में निराशा थी, तब कृषि क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था को सहारा दिया।
उन्होंने किसानों से आधुनिक कृषि को अपनाने का आव्हान किया। इसके लिए भारत सरकार द्वारा आधुनिक कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है। इसका फायदा किसान भाई उठाएं। इसी प्रकार मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से मिट्टी की जांच के उपरांत फसल और उर्वरक की मात्रा आदि का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि आधुनिक कृषि अपनाकार ही किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं।
विधायक पनियरा ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि आज से खरीफ फसल के क्रय की शुरुआत की गई है और किसान अपनी उपज की बिक्री हेतु पंजीकरण को जल्द से जल्द करा ले। कहा की 2014 में प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा की और इस दिशा में केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है।
विधायक सदर जय मंगल कनौजिया ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा सरकार किसानों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है और अन्य दलों की सरकारों की तुलना में भाजपा शासित सरकारों में किसान खुशहाल हैं। उन्होंने बिहार से तुलना करते हुए कहा कि बिहार में किसानों को उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। मोदी और योगी जी के नेतृत्व में किसानों की आय को बढ़ाने और कृषि को लाभदायक बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
स्वागत उद्बोधन देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि आज करवाचौथ के शुभ अवसर पर खरीफ फसलों के क्रय की शुरुआत की गई है। जनपद में धान खरीद 01 नवंबर से शुरू होकर 29 फरवरी तक चलेगी। इस वर्ष धान के क्रय मूल्य को सरकार द्वारा 2040 से बढ़ाकर सरकार द्वारा 2183 रुपए किया गया है। जनपद में 06 एजेंसियों द्वारा धान खरीद का कार्य किया जा रहा है। और अपंजीकृत किसानों के लिए आपातकालीन पंजीकरण व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा की निर्बाध खरीद हेतु पर्याप्त संख्या में बोरियों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि 14047 किसानों का पंजीकरण करते हुए, 5251 किसानों का सत्यापन करते हुए खरीद को किया जा रहा है। उन्होंने सभी को पारदर्शी व शुचितापूर्ण धान खरीद के संदर्भ में मुख्य अतिथि और सभी किसानों को आश्वस्त किया।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि द्वारा फीता काटकर और नारियल फोड़कर खरीद प्रक्रिया का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर सबसे पहले धान विक्रय करने वाले किसानों को मंत्री और अन्य अतिथियों ने माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया।
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