देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। स्ट्रीट सिचुएशन्स (रोड जैसी जगहो पर रहने वालों बच्चों) पर जीवनयापन करने वाले बच्चों को रेस्क्यू किये जाने के उद्देश्य से अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) नागेन्द्र सिंह की निगरानी में विशेष रेस्क्यू अभियान चलाया गया, जिसमें देवरिया गोरखपुर ओवरब्रिज अण्डरपास, मलीन बस्ती रेलवे स्टेशन रोड, रेल्वे स्टेशन प्लेटफार्म नं. 01 व 02, देवरिया-कसया ओवरब्रिज अण्डरपास, कुर्ना नाला मजार, देवरही मंदिर, कांशीराम आवास एवं अन्य हाटस्पाट का भ्रमण किया गया । रेस्क्यू आपरेशन के दौरान एक नाबालिग बालिका के विवाह कराये जाने की सूचना मिली, जिसका मौके पर जाकर तसदीक किया गया । बालिका नाबालिग पायी गयी, जिसपर जयप्रकाश तिवारी, संरक्षण अधिकारी जिला बाल संरक्षण इकाई देवरिया के द्वारा बालिका के परिवाजनों के साथ-साथ समुदाय एवं आमजनमानस को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 एवं उसके प्राविधानों के बारे में जानकारी देते हुये यह अवगत कराया गया कि अगर कोई व्यक्ति किसी नाबालिग के विवाह में सम्मिलित होना पाया जाता है, तो उसके लिए 1.00 लाख का जुर्माना एवं 02 वर्ष का कारावास का प्राविधान है । बालिका को बाल कल्याण समिति, देवरिया के समक्ष प्रस्तुत किया गया ।
रेस्क्यू टीम में जिला परिवीक्षा अधिकारी अनिल कुमार सोनकर, श्रम प्रवर्तन अधिकारी शशि सिंह, खण्ड शिक्षा अधिकारी सदर विजयपाल त्रिपाठी, उपनिरीक्षक राजकीय रेलवे पुलिस अरविन्द कुमार, उपनिरीक्षक एस.जे.पी.यू. थाना कोतवाली विनोद यादव, मनोवैज्ञानिक मीनू जायसवाल वन स्टाप सेन्टर, थाना ए.एच.टी.यू. आरक्षी संत राजभर एवं अर्चना कुशवाहा, समन्वय चाइल्ड लाइन सुनील नाथ तिवारी, समन्वयक खुला आश्रय गृह बालक अमित कुमार चौबे एवं अन्य थाने के आरक्षीगण उपस्थित रहे ।
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