—डीआईजी ने तत्काल मुकदमा दर्ज करने का दिया निर्देश
सलेमपुर, देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।
मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत सोमवार को सलेमपुर कोतवाली परिसर में आयोजित महिला सशक्तिकरण एवं जन जागरूकता अभियान के दौरान उस समय माहौल भावुक हो गया जब कार्यक्रम के बीच एक पीड़ित युवती रोते हुए डीआईजी शिवसिम्पी चनप्पा के समक्ष पहुंच गई। युवती ने बताया कि उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास हुआ है और 36 घंटे बीत जाने के बावजूद पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं कर रही है।
डीआईजी ने तुरंत मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला चौकी प्रभारी चंद्रलेखा सिंह को पीड़िता का बयान दर्ज करने और मुकदमा दर्ज कर तत्काल जांच शुरू करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि “मुकदमा दर्ज करने में टालमटोल या लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
डीआईजी चनप्पा उस समय महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा और स्वावलंबन पर उपस्थित छात्राओं और महिलाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति अभियान के तहत उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, पति के मृत्युपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना और रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजना जैसी योजनाओं की जानकारी दी। इसके साथ ही महिलाओं को महिला हेल्पलाइन नंबर 1090, आपातकालीन सेवा 112 और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की जानकारी दी ताकि किसी भी आपात स्थिति में वे तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें।
कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं और महिलाओं ने भी अपने विचार रखे तथा डीआईजी और अधिकारियों से प्रश्न पूछे। इसी बीच अचानक आई पीड़िता ने रोते हुए अपनी आपबीती सुनाई कि रविवार की भोर में शौच के लिए जाते समय दो युवकों ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म करने का प्रयास किया। युवती ने बताया कि विरोध करने पर उसे खेत में पटक दिया गया, जिससे उसे चोटें आईं।
डीआईजी ने तत्काल पुलिस अधीक्षक देवरिया संजीव सुमन, अपर पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह और क्षेत्राधिकारी सलेमपुर मनोज कुमार से मामले की रिपोर्ट मांगी और कहा कि मिशन शक्ति का उद्देश्य तभी सफल होगा जब हर पीड़िता को न्याय और सुरक्षा मिले।
उन्होंने कहा कि “महिलाओं की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। शिकायत आने के बाद तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए, देरी या टालमटोल पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाती है।”
इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाएं, छात्राएं और समाजसेवी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के अंत में डीआईजी ने मिशन शक्ति अभियान को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया और कहा कि “हर महिला को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए ताकि समाज में न्याय और सम्मान की स्थापना हो सके।”